सौरव गांगुली एक बेहतरीन बल्लेबाज तो थे ही इसके अलावा उन्होंने कप्तानी में भी पूरी दुनिया को भारत का दमखम दिखा दिया। सौरव गांगुली ने उन चुनिंदा चेहरों को चुना जिनके चलते आज भारतीय क्रिकेट टीम ऊंचाइयों पर है। भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान ‘दादा’ अब 47 वर्ष के हो गए हैं। दादा के कप्तानी में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी आज क्रिकेट की दुनिया में बहुत ही प्रसिद्ध हैं। दादा का एग्रेसिव अंदाज मैदान में सबके अंदर हिम्मत ला देता था।
You Might Also Like: ये हैं बॉलीवुड के वो 5 एक्टर्स जो हैं क्रिकेट के बहुत बड़े फैन्स
You Might Also Like: World Cup 2019: सलमान खान की भारत ही नहीं बल्कि टूर्नामेंट के बीच रिलीज होंगी बॉलीवुड की ये जबरदस्त फिल्में
महेंद्र सिंह धोनी
यह वो नाम है जिसे भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के क्रिकेट जगत में खूब सराहा जाता है। महेंद्र सिंह धोनी को भारत का अब तक का सबसे सफल कप्तान माना जाता है। सौरव गांगुली की कप्तानी में इन्होंने अपना डेब्यू किया था और अपने करियर में भारत को कई ऐसी जीते दिलाएं जो नामुमकिन लग रही थी। धोनी के कप्तानी में भारत ने 2007 में t20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम किया। धोनी की बल्लेबाजी भी बहुत शानदार थी। वनडे में धोनी के नाम 10,000 से अधिक रन हैं।
युवराज सिंह
दादा की कप्तानी में ही इसे खतरनाक प्लेयर ने डेब्यू किया था। युवराज सिंह भारत के उन बेहतरीन ऑलराउंडर में शामिल हैं जो अकेले अपने दम पर मैच जिताने की काबिलियत रखते हैं। युवराज के उन छह छक्कों को कौन भूल सकता है, जो उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ मारे थे। यही नहीं 2011 के वर्ल्ड कप में वह मैन ऑफ द सीरीज भी चुने गए थे थे।
हरभजन सिंह
हरभजन सिंह ने भी दादा की कप्तानी में ही डेब्यू किया था। सौरव गांगुली इन्हें गेंदबाजी में हुकुम का इक्का मानते थे। दादा की कप्तानी में हरभजन ने 37 मैच खेले जिसमें उन्होंने 177 विकेट चटकाए। दादा की कप्तानी में हरभजन का प्रदर्शन सबसे बेहतरीन रहा।
इरफान पठान
वड़ोदरा के इस पठान ने दादा की कप्तानी में ही अपना डेब्यू किया था। पठान उस समय के इतने बेहतरीन गेंदबाज बन चुके थे, कि इनकी तुलना कपिल देव से की जाने लगी थी। गांगुली की कप्तानी में इरफान के नाम 11 टेस्ट में 57 और 32 वनडे में 53 विकेट हैं। हालांकि दादा के कप्तानी छोड़ने के बाद इरफान का प्रदर्शन पहले से कम हो गया था।
वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग की कुशलता को दादा ने ही सबसे पहले पर परखा था। शुरूआत में सहवाग नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने आते थे, लेकिन इनके हार्ड हिटिंग शॉट्स को देखकर इन्हें ओपनिंग का चांस दिया गया। सहवाग ने दादा को बिल्कुल निराश नहीं किया। वनडे में सहवाग के नाम ज्यादा रिकॉर्ड्स तो नहीं है, लेकिन टेस्ट में उन्होंने कई कमाल के रिकॉर्ड बनाए।
राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ एक समय भारत की बल्लेबाजी की रीढ़ जाने जाते थे। दीवाल की तरह खड़े होकर हमेशा बड़ी से बड़ी साझेदारी निभाना इनकी एक अनोखी कला थी। इन्होंने दादा की कप्तानी में ही डेब्यू किया था। राहुल द्रविड़ ने 49 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने लगभग 74 की औसत से रन बनाए। वहीं 133 वनडे में द्रविड़ के नाम 4223 रन हैं।
You Might Also Like: ये हैं बॉलीवुड के वो 5 एक्टर्स जो हैं क्रिकेट के बहुत बड़े फैन्स
You Might Also Like: World Cup 2019: सलमान खान की भारत ही नहीं बल्कि टूर्नामेंट के बीच रिलीज होंगी बॉलीवुड की ये जबरदस्त फिल्में