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दिमाग की सेहत को बेहतर बनाता है एरोबिक्स, रिसर्च में हुआ खुलासा 

यह तो सभी जानते हैं कि व्यायाम या एक्स्रसाइज करना आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है लेकिन क्या आप जानते है कि दिमाग की सेहत को बेहतर बनाने के लिए सबसे बेहतर होता है एरोबिक्स। सिर्फ दिमाग ही नहीं, ये अन्य व्यायामों की तरह शरीर को फिट रखने और हृदय को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। एरोबिक एक्सारसाइज से कैलोरी बर्न करने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है। अगर हम बात करें विज्ञान की तो एरोबिक मस्तिष्क के स्वास्थ्य (Brain Health) के लिए भी फ़ायदेमंद है। कई ऐसे तथ्य है, जो यह साबित कर सकते हैं कि हर दिन एरोबिक करने से हम अधिक active रह सकते है और अपनी सोचने समझने की क्षमता भी बढ़ा सकते हैं।


एरोबिक व्यायाम करने के लाभ सभी जानते हैं जैसे ये हृदय स्वास्थ्य बेहतर बनाता है, कैलोरी को बर्न करता है और मांसपेशियों में आंदोलन बढ़ाता है। लेकिन विज्ञान के अनुसार, एरोबिक व्यायाम करने से शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ मस्तिष्क का स्वास्थ्य भी अच्छा होता हैं। इसके कई सबूत उपलब्ध हैं जैसे रोजाना एरोबिक्स करने से हम ज्यादा ऊर्जावान रह सकते है और अधिक स्पष्ट रूप से सोच सकते है। एरोबिक व्यायाम करने के कई तरीके हो सकते है जैसे तेज चलना, तैराकी करना, दौड़ना या साइकिल चलाना आदि। लेकिन दिमाग को तेज करने के लिए यह आपको रोजाना करना होता हैं। विशेषज्ञों के अनुसार,एक हफ्ते में कम से कम 2 -2.3 घंटे तक एरोबिक व्यायाम करने से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एरोबिक्स शरीर में रक्त के प्रवाह में सुधार लाता है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता हैं। 


आइये जानते हैं एरोबिक्स और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के बीच क्या लिंक होता हैं - 

सबसे पहले, एरोबिक व्यायाम मस्तिष्क की सूजन को कम करने में मदद करता हैं। एक अध्ययन के अनुसार, 20 मिनट तक मध्यम-तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम करने से से सूजन कम होती है। ऐसी कसरत करने से दिमाग में एक न्यूरो-सुरक्षात्मक प्रभाव भी पड़ता है जो हिप्पोकैम्पस सूजन का मुकाबला कर सकता है। ऐसी सूजन दिमाग में नींद न आने के कारण या नींद के अभाव से होती है।

एरोबिक्स करने से न्यूरोट्रॉफिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है जिससे मस्तिष्क की प्लास्टिसिटी बढ़ती है और हमारी स्मृति और सीखने की शक्ति में सुधार आता है। इसके अलावा, एरोबिक्स ज्ञान को भी बढ़ावा देता है और हमारे मूड में सुधार लाता है। डब्ल्यूएचओ (WHO)के अनुसार, एरोबिक्स व्यायाम करने से व्यायाम के अन्य रूपों की तुलना में शरीर पर अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, नियमित एरोबिक व्यायाम हिप्पोकैम्पल मात्रा को बढ़ाता है। हिप्पोकैम्पल शरीर में अवसाद, तनाव और मनोभ्रंश का मुख्य न्यूरोबायोलॉजिकल कारण है। यदि आप 30 मिनट तक नियमित व्यायाम करते हैं, तो आपको लगभग साढ़े तीन महीने में आपके स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण परिणाम दिखाई देने लगते हैं। आप ब्रिस्क वॉकिंग जैसे साधारण व्यायाम से शुरुआत कर सकते हैं।


नियमित एरोबिक्स के लाभ - 

  • मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है ऐरोबिक्स - नियमित एरोबिक्स न सिर्फ मस्तिष्क की क्रियाशीलता को बढ़ाता है बल्कि बढ़ती उम्र के असर को भी घटाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, हल्की कसरत से डिमेंशिया या अल्जाइमर्स (याददाश्त कम होना) के मरीज़ों को ठीक किया जा सकता है। शोध के मुताबिक नियमित कसरत से मस्तिष्क के उतकों (टिश्यू) में वृद्धि होती है जिससे दिमाग अधिक एक्टिव होता है। उम्र बढ़ने के साथ से ही कई प्रक्रियाओं जैसे योजना बनाना, याददाश्त  कमज़ोर होना, मल्टी-टास्किंग ना कर पाना आदि होता हैं लेकिन एरोबिक्स या हल्की कसरत से इस दिमाग के इस यौगिक की क्ष्रति को घटाया जा सकता है।
  • बीमारियों से बचाए ऐरोबिक्स  - एरोबिक्स व्यायाम करने से दिल और फेफड़ों को मजबूती मिलती है। शरीर में वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित करने में मदद मिलती है। मांसपेशियों में लचीलापन आता है और रक्तचाप नियमित रहता है। हाल में हुए शोध के अनुसार,सप्ताह में 150 मिनट एरोबिक्स व्यायाम करने से वजन कम होने के साथ-साथ टाइप 2 मधुमेह को कम करने में मदद मिलती है।
  • मन प्रसन्न रहता है - एरोबिक्स व्यायाम करने से शरीर से ‘एंडोर्फिन’ नामक हार्मोन निकलता है, जो तनाव को कम करके हमें खुश करने में मदद करता है। ऐसा होने से हम खुश रहते है और तनाव भी कम होता है। एरोबिक्स में की जाने वाली क्रियाओं से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। शरीर के सभी अंग जैसे हाथ, पैर, पेट, कमर, कंधे, हिप्स आदि मज़बूत बनते हैं । जो लोग नियमित तौर पर एरोबिक्स का अभ्यास करते हैं उन्हें एक अच्छी नींद आती है और उनकी मनोदशा ठीक रहती हैं। उनकी जीवन-शक्ति में भी सुधार आता है।


एरोबिक्स को कब और कैसे करें

  • वैसे तो आप एरोबिक्स किसी भी समय कर सकते हैं लेकिन यदि सुबह के समय नियमित समय पर किया जाए तो इसके कई फायदे देखने को मिलते हैं। एक सप्ताह में कम से कम तीन बार एरोबिक्स एक्सरसाइज करें। दो बार के एरोबिक्स सत्र में दो दिन से ज्यादा का अंतर न रखें। अगर आपको वजन कम करना हो तो नियमित एरोबिक्स करें। ध्यान रहें एरोबिक्स व्यायाम अधिक जोश में या कम जोश में ना करें अन्यथा आपको नुक्सान हो सकता हैं। इन दिनों कई नए तरीके के एरोबिक्स प्रोग्राम भी सिखाए जाते हैं जो आपकी सुविधा और लक्ष्यों को ध्यान में रख कर बनाये जाते हैं।
  • शुरुआत में एक्सरसाइज का समय कम से कम बीस मिनट रखें और धीरे -धीरे क्षमता के अनुसार इसे बढ़ाकर साठ मिनट तक कर सकते हैं। शुरुआत में ऐसी क्रियाएं चुनें, जिन्हें करने में आपको मजा आता है लेकिन धीरे -धीरे आप प्रक्षिक्षित तरीके से एरोबिक्स कर सकते हैं। व्यायाम शुरू करने से पहले पांच से दस मिनट शरीर को स्ट्रेच कर लें। अगर आपको किसी तरह का वायरल या श्वास संबंधी संक्रमण है तो व्यायाम न करें। व्यायाम के दौरान सीने में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। एरोबिक्स के दौरान ऐसे कपड़े पहनें, जिससे त्वचा को हवा मिलती रहे और मूवमेंट में किसी तरह की परेशानी न हो।
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