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स्तन जांच के लिए अपनी बेटी को कैसे प्रोत्साहित करें

90% स्तन कैंसर के मामलों में महिला स्वयं जांच करके इसके लक्ष्यों का पता लगाती हैं। अगर हम बात करें स्तन कैंसर को तो सबसे अधिक स्तन कैंसर 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में पाया जाता है और ये एक ऐसी समस्या है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन - स्तन स्वयं जांच करना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम स्तन समस्यायों और उससे होने वाली परेशानियों से बच सकते है।


ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी बेटियों को भी इसके महत्व के बारे में बताएं। वैसे तो टीन गर्ल्स या किशोर लड़कियों में स्तन कैंसर होना बहुत मुश्किल होता हैं लेकिन लड़कियों मे होने वाले शारीरिक परिवर्तन में सबसे बड़ा परिवर्तन स्तन में होता हैं। जैसी ही लड़कियाँ पुबर्टी (puberty) में आती है उनके स्तन बढ़ने शुरू हो जाते हैं। इसमें कई अन्य बदलाव भी आते हैं। ऐसे में हमारे लिए जरुरी बनता है कि हम अपनी बेटियों या घर की अन्य महिलाओ को स्तन ( स्व जांच - ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन ) करने के लिए प्रोत्साहित करें।

स्तन स्व जांच या ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन (Breast Self-Examination - BSE) एक उपयोगी और महत्वपूर्ण जांच है जिसके द्वारा एक महिला अपने स्तन में होने वाले परिवर्तनों और असामान्यताओं के बारे में जान सकती हैं।


स्तन स्व परीक्षा के लिए बेटी को कैसे प्रोत्साहित करें  - 

 

  • स्तन स्व जांच  - ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन का महत्व 

स्व जांच करना हर महिला के लिए आवश्यक होता है और ऐसे में हमें अपनी बेटियों और घर की अन्य महिलाओ को जिन्हे इस बारे में कम जानकारी हैं, उन्हें  स्तन स्व जांच के बारे में बताना महत्वपूर्ण हैं। ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन से बेटियों को स्तन के सामान्य रूप से बढ़ने, उसमे होने वाले बदलावों के बारे में जान सकती हैं। साथ ही ये बदलाव कब और कैसे होते हैं, उससे जुडी असामान्यताओं के बारे में जानना आवश्यक हैं। अपने शारीरिक बदलाव के बारे में जानकारी होने से उन्हें प्रोत्साहन मिलता है जो उनके आत्मविश्वास को बढ़|ता हैं और साथ ही उनके व्यवहार में सकारात्मकता लाता हैं। ऐसा होने से वो शारीरिक परिवर्तनों को अपनाने में झिझकती नहीं है और साथ ही आपसे समस्या के बारे में बात करने के लिए भी उन्हें प्रोत्साहन मिलता हैं। ऐसा करने से उनकी जानकारी भी बढ़ती हैं।



  • स्तन कैंसर के खतरे से बचने के लिए भी स्तन स्व जांच  - ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन के बारे में जानना लड़कियों और महिलाओ के लिए आवश्यक होता हैं। इससे उन्हें स्तन कैंसर के खतरे और उससे जुडी बातों के बारे में भी पता लगता हैं। ऐसा करने के लिए हम उन्हें कई अलग-अलग सोर्सेज के जरिये जैसे गूगल या नेट या किसी डॉक्टर के पास ले जा सकते हैं। उनके साथ बैठकर उनसे इस बारे में चर्चा कर सकते है और ऐसा करने से उनमें आत्मविश्वास आता हैं। 

  • ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन की प्रक्रिया - हमें अपनी बेटियों को ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन की प्रक्रिया के बारे में समझाना चाहिए। उन्हें इस प्रक्रिया को करने के लिए प्रेरित करके हम उन्हें सावधान रख सकते हैं। ऐस अकारण एक-लिये हम उनके सामने इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं। स्व स्तन जांच या ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन प्रक्रिया को कई तरीकों से किया जा सकता हैं जैसे आईने के सामने खड़े होकर, फ्लोर पर लेटकर, कुर्सी पर बैठकर, हिप्स और ब्रेस्ट मसल्स को फ्लेक्स (Flexing hips and breast muscles) करके, नहाते समय। अगर आप इसको  करने में सक्षम नहीं है तो उन्हें यू टूयब (youtube) पर वीडियो दिखा कर, गूगल पर पिक्चर दिखा कर या किसी अन्य तरीके से उन्हें दिखाककर समझा सकती हैं।
  • ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन को करने का समय - वैसे तो साटन स्व जांच करने का कोई समय नहीं होता है लेकिन पुबर्टी में आने के बाद इसे हर महीने करना चाहिए। एक बात का ध्यान रखें की आप यह बात ज़रुर बताएं कि स्तन स्व परीक्षा की प्रक्रिया पीरियड्स (Periods) शुरू होने के बाद 7 -10 दिन के बीच करनी चाहिए। आप अपनी बेटी को इस बारे में हर महीने पीरियड्स खत्म होने के बाद याद दिलाए और उनके साथ जांच कर लेने के बाद बैठकर परिवर्तनों के बारे में चर्चा करें। ऐसा करने से उनमें आत्मविश्वास आएगा।

टीन गर्ल्स या किशोर लड़कियों में स्तन कैंसर होना मुश्किल है लेकिन कुछ भी संभव है। इसलिए उन्हें स्व स्तन जांच करने के लिए अवश्य प्रेरित करें।