File not found
bollywood

फिल्म आर्टिकल 15 पर बैन लगाने से भड़के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा, उठाया ये कदम

Table of Content

हाल ही में रिलीज हुई आयुष्मान खुराना की फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) को कानूनी कार्यवाही के चलते उत्तराखंड के रुड़की में बैन कर दिया गया है| जिससे फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) खुश नहीं है। रुड़की शहर के जिला अधिकारी के खिलाफ अनुभव सिन्हा ने एक मामला भी दर्ज कराया है। पूरे भारत में यह फिल्म खूब सराही जा रही है। उत्तराखंड के रुड़की के अलावा पटना के कुछ सिनेमाघरों में भी इस फिल्म को चलने से रोक दिया गया है जिसके खिलाफ अनुभव सिंहा मामला दर्ज करेंगे। 

abhinav sinha

देशभर में मिला समर्थन

पूरे देश भर में इस फिल्म को खूब सराहा गया क्योंकि इसमें लोगों की रूढ़िवादी मानसिकता को खासतौर से दर्शाया गया है। इस फिल्म के माध्यम से देश भर में नीची सोच वाले व्यक्तियों की मानसिकता में बदलाव लाने का कार्य किया गया है। यही कारण है कि देश के अलावा विदेश में भी फिल्म की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है।

बनी साल की महत्वपूर्ण फिल्म

आर्टिकल 15 फिल्म की कहानी कुछ सच्ची घटनाओं को लेकर बनाई गई है| जहां लोगों के उन गलत कार्यों के बारे में बताया गया जिसके चलते समाज में एक धार्मिक कट्टरता की सोच आ गई है।

आर्टिकल 15 फिल्म को इस वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण फिल्म का दर्जा दिया जा चुका है। आर्टिकल 15 फिल्म में समाज की जिस अस्थिरता को दिखाया गया है वह न केवल भारत देश में बल्कि पूरे विश्व में बदनाम है। इस फिल्म में उन पीड़ित दलितों पर खास ध्यान दिया गया है जिन्हें धर्म को लेकर अक्सर पीड़ित किया जाता है।

इस वजह से हो रहा फिल्म का विरोध

कुछ जगहों पर आर्टिकल 15 फिल्म का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। कुछ ब्राह्मण समुदाय के लोग ही इस फिल्म को उनके धर्म के लिए गलत बताते हुए विरोध कर रहे हैं। ब्राम्हण समुदाय के लोगों का मानना है कि इस फिल्म में उनके धर्म पर ही नकारात्मक सवाल उठाए गए हैं।

फिल्म को लेकर उठ रहे विद्रोह के जवाब में फिल्म निर्देशक 'अनुभव शर्मा' और एक्टर 'आयुष्मान खुराना' ने यह पहले ही साफ कर दिया गया था कि फिल्म में किसी भी समुदाय के लोगों का मजाक नहीं बनाया गया है| बल्कि, सच्चाई को उजागर किया गया है।

क्या है आर्टिकल 15

आर्टिकल 15 हमारे संविधान का एक अनुच्छेद है जिसे लेकर फ़िल्म बनाया गया है। संविधान के इस अनुच्छेद में समाज की विविधता में भेदभाव ना करने के लिए कानून बनाया गया है। आर्टिकल 15 के मुताबिक आप किसी भी धर्म जाति और लिंग को लेकर लोगों से दुर्व्यवहार नही कर सकते।

आर्टिकल 15 में उन लोगों को समान अधिकार दिया गया है जिन्हें अब तक नीच समझ कर कई जगहों पर जाने से और कई कार्यों को करने से रोक दिया जाता था। आर्टिकल 15 फिल्म संविधान के अनुच्छेद से जुड़ी हुई है और यह एक सच्ची घटना पर आधारित है। यही कारण है कि सभी समझदार लोग इस फिल्म के समर्थन में हैं और यह मानते हैं कि समाज की बुराई दूर करने के लिए यह फिल्म काफी मददगार साबित होगी। 

Bharti

Content Writer

Bharti is a skilled content writer with over 5 years of professional experience creating engaging and high-quality content for diverse audiences. She specializes in crafting informative articles, blog posts, and web content that resonates with readers and drives results.