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दुनियाभर में मनाये जा रहे अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस का इतिहास और इससे जुड़े रोचक तथ्य

भारत सहित दुनियाभर में आज चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग इस दुनिया को भारत की ओर से दिया गया एक ऐसा उपहार है जो जीवन को एक नई दिशा प्रदान करता है। जीवन में चाहे कितनी भी परेशानियां क्यों ना हों, योग उन्हें काफी हद तक कम कर देता है। साल 2015 में पहली बार 21 जून को अतंरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया और दुनियाभर में लोगों ने योग के फायदे को जाना। तब करीब 36,000 लोगों ने पीएम मोदी के साथ राजपथ पर योग किया था। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी सबको लंबी आयु देता है। दैनिक रूप से योग करने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे हर प्रकार से रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।



इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 60 हजार लोगों के साथ योग किया। केरल के कोच्चि में इंडियन नेवी ने बीच समंदर पर योगासन किया। बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करीब ढाई लाख लोगों के साथ कोटा में योग कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। बंगाल की खाड़ी में नौसेना के कर्मचारियों ने योग किया। यूपी के राजभवन में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाईक व गृहमंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित प्लाजा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी हजारों लोगों के साथ योगा करती दिखीं।

चीन की राजधानी बीजिंग में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने योग किया। जापान में भी लोगों ने योग करके इस दिन को सम्मान दिया। छत्तीसगढ़ में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हर जाति समुदाय के लोग इस बार विश्व योग दिवस को ऐतिहासिक बनाने में जुट गए है। यहां करीब 36 करोड़ लोग एक साथ योग करेंगे ताकि छत्तीसगढ़ का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सके।