मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वाली अवनि चतुर्वेदी ने सोमवार को गुजरात के जामनगर एयरबेस से रूस में बने मिग-21 (MiG-21 bison) की उड़ान भरी और इंडियन एयरफोर्स के इतिहास में मिग-21 फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बन चुकी हैं। अवनि चतुर्वेदी ने हैदराबाद की एयरफोर्स एकेडमी से ट्रेनिंग ली थी। अवनि चतुर्वेदी जून 2016 में एयरफोर्स के लड़ाकू स्क्वॉड्रन में शामिल हुई थीं।
![](https://alldatmatterz.com/uploads/2018/02/New Folder/avni new.jpg)
उड़ान भरने से पहले उनके इंस्ट्रक्टर ने मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट में उनकी स्कील काे पूरी तरह से परखा। एयरफोर्स के स्पोक्सपर्सन और फाइटर पायलट अनुपम बैनर्जी ने कहा, "यह फाइटर पायलट बनने का पहला स्टेप है। अब इंडियन एयरफोर्स में महिला पायलट भी ऑपरेशनल फील्ड के लिए जल्द ही तैयार होगी। हालांकि, पूरी तरह से ऑपरेशन में आने के लिए अभी उन्हें दो साल और ट्रेनिंग लेनी होगी।" एयरफोर्स के एक पायलट ने कहा कि फाइटर जेट की उड़ान भरना जीरो एरर प्रोफेशन है और इसके लिए अकेले ही उड़ान भरने के कई टैस्ट से गुजरना होता है।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि जब कल्पना चावला के मौत की खबर आई तो उनकी मां सविता चतुर्वेदी रोने लगी थीं। उसी समय अवनी ने सोच लिया था कि वे पायलट ही बनेंगी। उन्होंने अपनी मां से कहा था कि वो एक दिन उन्हें पायलट बनकर दिखाएंगी।
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उड़ान भरने से पहले उनके इंस्ट्रक्टर ने मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट में उनकी स्कील काे पूरी तरह से परखा। एयरफोर्स के स्पोक्सपर्सन और फाइटर पायलट अनुपम बैनर्जी ने कहा, "यह फाइटर पायलट बनने का पहला स्टेप है। अब इंडियन एयरफोर्स में महिला पायलट भी ऑपरेशनल फील्ड के लिए जल्द ही तैयार होगी। हालांकि, पूरी तरह से ऑपरेशन में आने के लिए अभी उन्हें दो साल और ट्रेनिंग लेनी होगी।" एयरफोर्स के एक पायलट ने कहा कि फाइटर जेट की उड़ान भरना जीरो एरर प्रोफेशन है और इसके लिए अकेले ही उड़ान भरने के कई टैस्ट से गुजरना होता है।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि जब कल्पना चावला के मौत की खबर आई तो उनकी मां सविता चतुर्वेदी रोने लगी थीं। उसी समय अवनी ने सोच लिया था कि वे पायलट ही बनेंगी। उन्होंने अपनी मां से कहा था कि वो एक दिन उन्हें पायलट बनकर दिखाएंगी।