File not found
coronavirus

कोरोना टेस्ट किट का अभाव, IIT दिल्ली ने बनाई सस्ती किट

Table of Content


भारत देश सहित विश्व के कई अन्य देश इस समय कोरोना वायरस माहमारी से झुंझ रहे है। इस समय में बड़े से बड़े देश की मेडिकल सर्विसेज कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन और किट का निर्माण करने में लगी हुई है। पिछले तीन महीनो से कोरोना संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और कई देशों में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का सिलसिला थम ही नहीं रहा हैं। ऐसे में हर एक देश अपने नागरिकों को बचाने और उनका इलाज करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। इसी बीच कोरोना वायरस संक्रमितों की पहचान करने के लिए टेस्ट किट की आवश्यकता सबसे जरूरी है। पहले ही टेस्ट किट का अभाव था और बढ़ते आंकड़ों की वजह से यह और अधिक मुश्किल हो गया।

इसी समस्या को देखते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT Delhi) ने एक बड़ा कदम उठाया और अपने लक्ष्य को पूरा करते हुए सफलता हासिल की। आईआईटी दिल्ली के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (KSBS - Kusuma School of Biological Sciences) के शोधकर्ताओं ने कोविड -19 जांच -परख के लिए टेस्टिंग किट को विकसित किया है जिसको भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मंजूरी दे दी है।

भारत देश में टेस्ट किट के अभाव को देखते हुए आईआईटी दिल्ली ने कोरोना वायरस संक्रमण को टेस्ट करने के लिए एक किट का निर्माण किया हैं जिसकी सराहना मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने भी की है।

कोरोना टेस्टिंग किट - आईआईटी दिल्ली

देश में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के टेस्ट के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT Delhi) ने एक कोविड-19 बीमारी की जांच के लिए एक टेस्ट किट का निर्माण किया है जो बहुत ही कम दाम में बनायी गयी हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली द्वारा बनायीं गयी कोरोना टेस्टिंग किट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। इस बात की पुष्टि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अधिकारियों ने कर दी हैं।

आईआईटी दिल्ली द्वारा कोरोना टेस्टिंग किट की सबसे ख़ास बात यह है कि इसमें जो तरीका उपयोग किया गया है वो हैं - पॉलीमराइज चेन रिएक्शन (PCR) और इस विधि से कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के तरीके को आईसीएमआर ने भी अपनी मंज़ूरी दे देी है। हालाँकि सूत्रों के अनुसार, मंज़ूरी देने से पहले कोरोना वायरस टेस्टिंग किट की जांच की गयी जिसके परिणाम 100% सही आये और उसके बाद इस जांच के तरीके को आईसीएमआर में मंज़ूरी दी।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अधिकारी ने बताया, “कोविड-19 के लिए यह पहला प्रोब मुक्त तरीका है जिसे आईसीएमआर ने स्वीकृति दी है। हमें इससे कम खर्च में जांच करने में सहायता मिलेगी। इस तरीके में फ्लोरेसेंट प्रोब की आवश्यकता नहीं है इसलिए इससे बड़े स्तर पर जांच की जा सकती है। अनुसंधानकर्ताओं का दल उद्योग जगत से बातचीत कर जल्दी से जल्दी इस उपकरण को कम दाम पर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। ”

इसी बीच जब कोरोना टेस्टिंग किट बनाने वाले दल से बात की गयी तो इस दल के मुख्य सदस्यों में से एक प्रोफेसर विवेकानंदन पेरुमल ने कहा, “अनुक्रम के तुलनात्मक विश्लेषण का इस्तेमाल कर हमने कोविड-19 में कुछ विशेष क्षेत्र चिह्नित किए जो मनुष्यों में मौजूद किसी अन्य कोरोना वायरस में नहीं होते. इससे हमें विशेष रूप से कोविड-19 का पता लगाने का तरीका मिला।”

आइये जानते है आईआईटी दिल्ली के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (KSBS - Kusuma School of Biological Sciences) के शोधकर्ता टीम में कौन-कौन लोग शामिल हैं -

  1. प्रशांत प्रधान (पीएचडी स्कॉलर)
  2. आशुतोष पांडे (पीएचडी स्कॉलर)
  3. प्रवीण त्रिपाठी (पीएचडी स्कॉलर)
  4. डॉ.अखिलेश मिश्रा
  5. डॉ. पारुल गुप्ता
  6. डॉ. सोनम धमीजा
  7. प्रोफेसर विवेकानंदन पेरुमल
  8. प्रोफेसर मनोज बी मेनन
  9. प्रोफेसर बिस्वजीत कुंडू
  10. प्रोफेसर जेम्स गोम्स



आइये जानते है आईआईटी-दिल्ली द्वारा निर्मित कोरोना टेस्टिंग किट की ख़ास बातें -

  • इस कोरोना टेस्टिंग किट का निर्माण पॉलीमराइज चेन रिएक्शन (PCR) द्वारा किया गया हैं।
  • पॉलीमराइज चेन रिएक्श विधि काम इस्तेमाल करके कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करने वाली इस किट का  निर्माण करने में और खोजने वाला पहला अकादमिक संस्थान - आईआईटी-दिल्ली हैं।
  • इस किट के निर्माण के बाद यह किट बहुत की कम लागत पर उपलब्ध होगी।
  • इस कोरोना टेस्टिंग किट को कोविड-19 और सार्स सीओवी-2 के जीनोम के आरएनए (रिबो न्यूक्लिक एसिड) अनुक्रम का तुलनात्मक विश्लेषण करके विकसित किया गया है।
  • आरएनए मनुष्य समेत सभी जीव जंतुओं की कोशिका का अभिन्न अंग होता है और यह प्रोटीन संश्लेषण जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करता है।
  • यह कोरोना टेस्टिंग किट का तरीका उपकरण मुफ्त जांच है और इसी कारण इसके द्वारा परीक्षण करने से की लागत घटेगी।
  • मान्यता मिलने के बाद आईआईटी दिल्ली की टीम जल्द ही उपयुक्त औद्योगिक भागीदारों के साथ सस्ती कीमतों पर बड़े पैमाने पर किट का उत्पादन करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।


    यह भी पढ़े :- आईआईटी दिल्ली की पहल  - 'शुद्ध सेतु' नाम की सेनिटाइजेशन टनल

 

Bharti

Content Writer

Bharti is a skilled content writer with over 5 years of professional experience creating engaging and high-quality content for diverse audiences. She specializes in crafting informative articles, blog posts, and web content that resonates with readers and drives results.