File not found
INSPIRATION

#Section377: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बॉलीवुड ने सराहा, सितारों ने ऐसे जताई खुशी

नई दिल्ली: समाज में समलैंगिक रिश्तों को आज भी आसानी से स्वीकार्यता नहीं मिल पाती लेकिन देश में अब तक अपराध की श्रेणी में गिने जाने वाले इस रिश्ते को अब अपराध नहीं समझा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद अब भारत में समलैंगिकता अपराध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 377 को अवैध करार दिया है. जिसके बाद से ही देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई और इसका असर बॉलीवुड पर भी नजर आया. 

बॉलीवुड सितारों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सराहते हुए ट्विटर पर अपनी खुशी जाहिर की और कई सितारों ने कोर्ट के फैसले पर अपनी अपनी राय भी रखी. अपनी कई फिल्मों में समलैंगिकता को प्रमुखता से दिखाने वाले डायरेक्टर और फिल्ममेकर करण जौहर ने ट्वीट करते हुए इसे एतिहासिक फैसला कहा. उन्होंने लिखा, 'एतिहासिक फैसला!!! आज बहुत गर्व हो रहा है. समलैंगिक को अपराध की श्रेणी से हटाना. समान अधिकारों और मानवता के लिए यह एक बड़ा सकारात्मक फैसला है. देश को एक बार फिर अपनी ऑक्सीजन वापस मिल गई है'. 

वहीं बॉलीवुड एक्टर आयुषमान खुराना ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आज की सूरज की किरण एक प्रगतिशील भारत में उजाला कर रही है'.

स्वरा भास्कर ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'सभी याचिकाकर्ता और कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं. सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को अवैध बताया. आप लोगों की मदद से ही भारत धारा 377 से मुक्त हो पाया है'. 

एक्ट्रेस प्रिति जिंटा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अगर आपके पास दिल है तो आप किसी से भी प्यार करने के लिए आजाद हो. मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सुन कर काफी खुश हूं'. धारा 377 को अवैध घोषित कर दिया गया है.

कृति सेनन ने लिखा, 'मुझे भारतीय होने पर गर्व है. उठते ही इस खबर को सुनना खुशी भरा था. प्यार करने के कोई नियम नहीं है. मैं खुश हूं कि हमने आजादी की ओर बढ़ते हुए यह कदम उठाया'.

सोनम कपूर ने फैसले पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा, 'यह वो भारत है जिसमें मैं जीना चाहती हूं. यह नफरत, कट्टरता, लिंगवाद और असहिष्णुता से भरा नहीं है. यह वो भारत है जिसे मैं प्यार करती हूं'.

वहीं रितेश देशमुख ने लिखा, 'सबको न्याय, आजादी... आजादी कुछ भी चुनने की... आजादी कुछ भी होने की... यह मेरा देश है... यह मेरा भारत है... यह एक एतिहासिक पल है'. 

शिल्पा शेट्टी ने ट्वीट करते हुए लिखा, यह हर इंसान का हक है कि वह खुद चुने कि उसे किसके साथ रहना है.

जुलाई में हुई थी सुनवाई

गौरतलब है कि, इस साल जुलाई में धारा 377 पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आईपीसी की धारा 377 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर महज 4 दिन ही सुनवाई चली थी. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई कानून मौलिक अधिकारों का हनन करता है तो कोर्ट इस बात का इंतजार नहीं करेगा कि सरकार उसे रद्द करे.