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आयुर्वेद के इन आसान तरीकों से दूर करें एसिडिटी की समस्या | Treat Acidity Safely and Effectively with Ayurveda

हम जो भी खाते हैं उसे पचाने के लिए हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का रिसाव होता है। लेकिन जब यह अधिक मात्रा में उत्पन्न होने लगता है तो पेट में जलन का कारण बन जाता है। इसे हम एसिडिटी कहते हैं। कई बार पेट का खाली होना भी एसिडिटी का कारण हो सकता है रात को खाना खाने के बाद सीधे बिस्तर पर जाने से बचना चाहिए। यदि आप खाना खाने के बाद कम से कम सौ कदम चलते हैं तो आपकी पाचन क्रिया में तो सुधार होगा ही, साथ ही साथ आपको पेट में होने वाली अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाएगा।

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आइये जानते हैं एसिडिटी के प्रमुख कारणों के बारे में।

एसिडिटी के प्रमुख कारण-

  1. ज्यादा मसालेदार खाने का सेवन करना।

  2) जंक फ़ूड।

  3) ज्यादा स्ट्रेस लेना।

  4) खान-पान में अनियमितता।

   5) धूम्रपान।

  6) शराब आदि का सेवन।

  7) समय पर खाना न खाना।

  8) पर्याप्त पानी न पीना।

एसिडिटी के प्रमुख लक्षण-

1) पेट में जलन होना।

2) खट्टी डकार आना।

3) पेट में गैस बनना।

4) मितली का अहसास होना।

5) सीने में जलन।

6) कब्ज होना।

7) बैचैनी होना।

8) भूख न लगना या कम लगना।

एसिडिटी दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय-

1) तुलसी- एसिडिटी होते वक़्त तुलसी की पत्तियों का सेवन करें। तुलसी के पत्ते चबाने से पेट की जलन से राहत मिलती है। इसके अलावा गैस और उलटी में भी तुरंत फायदा होता है।

2) पानी- रात में सोने से पूर्व और सुबह उठने के पश्चात एक गिलास गुनगुना पानी पीने से एसिडिटी जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। दरअसल पानी पीने से रात भर पेट में बनी हानिकारक चीजें बाहर निकल जाती हैं और पेट संबंधी शिकायतों से छुटकारा मिलता है।

3) अदरक का रस- नींबू और शहद में अदरक का रस मिलाकर उसका सेवन करने से जलन आदि की समस्या नहीं होती है। भोजन के दौरान भी अदरक का सेवन किया जा सकता है।

4) इलायची- इलायची के सेवन से सीने में हो रही जलन में फायदा होता है। इलायची में मौजूद प्राकृतिक गुण पाचन क्रिया में सहायता करते हैं। यदि आप चाहें तो इलायची के पाउडर को पानी में उबालकर भी उसका सेवन कर सकते हैं।

5) लौंग- लौंग के चमत्कारी गुणों से हम सभी वाकिफ़ हैं। लौंग को चूसने से उसका रस जब पेट में पहुँचता है तो एसिडिटी में राहत मिलती है। यह अमलता को कम करती है और गैस से निजात दिलाती है।

6) दालचीनी- दालचीनी एंटी-एसिड के रूप में काम करती है और पेट में उत्पन्न होने वाली गैस से छुटकारा दिलाती है। यह पाचन क्रिया में भी लाभदायक है।

7) जीरा- जीरा एक एंटी एसिड के रूप में काम करता है और पेट दर्द से छुटकारा दिलाता है। भुने हुए जीरे का पाउडर बनाकर खाना खाने के बाद एक गिलास पानी में मिलाकर लें। इसके अलावा आप जीरे के दानों को पानी में उबालकर भी उसका सेवन कर सकते हैं। जीरा पाचन क्रिया में सुधार करता है।

8) अश्वगंधा- एसिडिटी के लिए अश्वगंधा को रामबाण इलाज माना जाता है। एक गिलास दूध में अश्वगंधा मिलाकर लेने से एसिडिटी में आराम मिलता है।

9) मुलेठी- मुलेठी के चूर्ण के सेवन से गले में हो रही जलन और एसिडिटी दोनों में ही राहत मिलती है। अगर आप मुलेठी का काढ़ा बनाकर उसका उपयोग करते हैं तो इसका असर और भी बढ़ जाता है।

10) आंवला- आंवले के चूर्ण को रोज एक गिलास पानी के साथ लेने से आप  एसिडिटी की समस्या से निजात पा सकते हैं। आप चाहें तो आंवले के जूस का भी सेवन कर सकते हैं। याद रहे इसके आधे घंटे बाद तक कुछ भी खाने पीने से बचें।

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