As we know there is no cure for coronavirus to date and our scientists and researchers are working day and night to get the cure. First of all, Alldatmatterz urge you to wash your hands regularly and take all precautions to stay away from the virus.
देशभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अभी तक 750 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 20 के आसपास लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि 60 से अधिक लोग सफलतापूर्वक कोरोना वायरस का इलाज भी करवा चुके हैं। कोरोना वायरस भारत में अभी तीसरी स्टेज पर आना शुरू हो गया है। लेकिन इस महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया हुआ है जो कि 14 अप्रैल तक है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि कि अगर स्थिति नहीं संभली तो लॉकडाउन के समय को बढ़ाया भी जा सकता है। कोरोना वायरस को देशभर में फैलने से रोकने के लिए हर कोई अपनी तरफ से अलग-अलग प्रयास कर रहा है। चलिए जानते हैं भारत सरकार और राज्य सरकारें कोरोना वायरस से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठा चुकी है और क्या कदम उठा रही है।
लॉकडाउन –
बीते रविवार 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक देशभर में लॉकडाउन किया। इसके बाद 24 तारीख की रात 12 बजे से देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया जिसमें लोगों को घरों से ना निकलने की गुजारिश की गई। इससे पहले महराष्ट्र में 31 मार्च तक धारा 144 लगाई गई लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए इसके बाद दिल्ली और मुख्य शहरों में धारा 144 लगाई गई, जिसके तहत मीडियाकर्मी, अस्पताल कर्मचारी और रोजमर्रा की खाने-पीने की सप्लाई करने वालों को छूट थी। इससे पहले 31 मार्च तक देशभर में लॉकडाउन था जिसे स्थिति को देखते हुए बढ़ाया गया। लॉकडाउन और कफ्र्यू के लिए दौरान यातायात पर भी पाबंदी थी साथ ही रेलगाडियों, मेट्रो सेवा, अंतर्राज्जीय बस अड्डा और हवाई जहाजों की उड़ानें भी रद्द हुई। स्कूल बंद किए गए।
दिल्ली सरकार ने क्या किया –
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कोरोना वायरस को मात देने के लिए बीते रविवार कुछ घोषणाएं की –
- दिल्ली में 23 मार्च सुबह 6 बजे से से 31 मार्च तक लॉकडाउन किया गया।
- सार्वजनिक वाहनों पर पाबंदी लगी। सिर्फ 25 फीसदी डीटीसी बसों को चलने की आज्ञा मिली।
- दिल्ली में हर तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगी।
- इस दौरान 31 मार्च तक धारा 144 लागू हुई और जरूरी सामान की सप्लाई के अलावा सभी दफ्तर और अन्य कार्यालय बंद किए गए।
- 72 लाख लोगों को 7।5 किलो तक का राशन फ्री में देने की बात कही गई। वहीं तकरीबन 9 लाख लोगों को 4 से 5 हजार रूपए पेंशन देने की बात कही गई।
- नाइट शेल्टरों में फ्री में खाना बंटवाने की सुविधा मुहिया करवाई गई।
- लोगों में घरों से ना निकलने के लिए पेड लीव देने की अपील की गई।
- कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के घर के बाहर कोरोना के साइन के पोस्टर लगाए गए ताकि अन्य लोग सावधान हो सके।
- अपनी जीविका चलाने वाले किसी भी कर्मचारी की सैलरी ना काटने के आदेश दिए गए।
- स्कूलों, धार्मिक जगहों, सामाजिक और राजनीतिक बैठकों पर हर तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
- कहीं भी 10 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगी।
- हॉस्टल में रह रहे जामिया और अन्य छात्राओं की क्लासेज को रद्द करते हुए उन्हें घर जाने का आदेश दिया गया है।
- राशन और रोजमर्रा की जरूरतों का सामान 24 घंटे सातों दिन बिकने का आदेश दिया गया है।
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भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम –
- रेलगाड़ी के डिब्बों को कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों को अलग - थलग रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
- देशभर में हैंड सैनिटाइज़र और मास्क की कीमतें तय की गई, कोई भी मनमानी कीमतों पर इन जरूरी चीजों को नहीं बेच सकता।
- हर राज्य की अलग-अलग हेल्पलाइंस शुरू की गई।
- सरकार ने कोरोना वायरस की मरीजों और बढ़ते मामलों की निगरानी करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया।
- विदेशों से आने वाले लोगों और एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों की टेस्टिंग की जा रही है। साथ ही इन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन में रखने की व्यवस्था की गई।
- देशभर के हरेक बॉर्डर को सील कर दिया गया है।
- भारत से बाहर आयत-निर्यात को रोक दिया गया है।
- सरकार डॉक्टर्स और रिसर्च एक्सपर्ट से लगातार बात करके लोगों तक सही जानकारी पहुंचा रही है।
- अलग-अलग माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है जिससे वे घर से बाहर ना निकलें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- भारतीयों की कॉलर ट्यून पर कोरोना वायरस के लिए जागरूक करने वाली कॉलर ट्यून लगाई गई।
- कोरोना से निपटने, लोगों के सुझाव और शिकायतों को दर्ज करने के लिए कॉल सेंटर्स का निर्माण किया गया है ये 24 घंटे काम कर रहा है।
- विदेश से आने वाले भारतीयों की ना सिर्फ थर्मल स्क्रिनिंग शुरू हुई बल्कि उनके लिए एडवाइजरी जारी की गई कि वे अपना खुद का ध्यान रखें और 14 दिन तक अपने परिवार और अन्य समाज के सदस्यों से अलग-थलग में रहें।
- पैरासीटामोल जैसी दवाओं के निर्यात पर रोक लगाई गई है। दवा बनाने के लिए सरकार ने 3 महीने का स्टॉक देश में रखा है इसके अलावा अन्य स्टॉक के लिए कच्चे माल के आयात को बंद कर दिया गया है।
- सरकार ने लोगों से घबराने और हड़बडाहट में कोई भी कदम ना उठाने की गुजारिश की है। साथ ही लोगों को ये दिलासा दी है कि वे जल्द ही इस मुसीबत की घड़ी से उबर जाएंगे लेकिन पूरे देश को एक साथ होकर चलना होगा। सरकार ने लोगों को निर्देश दिए कि वे सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर यकीन न करें। ऐसा करना उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुश्किल घड़ी में कुछ अमान्य तत्व अफवाहें फैलाते हैं। देश को इन सभी अफवाहों से सावधान होने की आवश्यकता है।
- इसके अलावा भारत सरकार ने मीडिया से भी गुजारिश की है कि वे अपनी रिपोर्टिंग पूरी ईमानदारी से करें जिससे देशभर में किसी भी तरह की अफवाह ना फैलें।
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