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क्या है फेसबुक डाटा चोरी कि असली खबर और किस तरह होता है इसका गलत उपयोग

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फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक खबर इन दिनों बहुत चर्चा में है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने वाली एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी कि मदद ली गयी थी। इस जानकारी को चुनाव के दौरान ट्रंप को जिताने और विरोधियों की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। फेसबुक के इतिहास में इसे सबसे बड़ा डेटा लीक कहा जा रहा है। इसके बाद फेसबुक यूजर्स को अपने अकाउंट डिलीट करने के लिए कहा जा रहा है। यहां तक कि पॉपुलर मैसेजिंग साइट व्हाट्सऐप के को-फाउंडर ने भी ट्विटर पर अपने फॉलोअर्स को फेसबुक से अपना अकाउंट डिलीट करने का सुझाव दिया है।

इस तरह होता है फेसबुक डाटा चोरी का गलत इस्तेमाल
फेसबुक डाटा चोरी का गलत इस्तेमाल चुनाव दौरान होता है। कंपनी फेसबुक से चुराए हुए यूजर्स के डेटा से हर विरोधी के खिलाफ गलत सूचनाएं जारी करती है। चुनावों में इसका असर यह होता है कि ज्यादातर जनमत बदल जाता है। गलत जानकारियां पाकर लोग अपना मत बदल देते हैं। राजनीतिक दलों द्वारा फैलाई गई गलत जानकारी को सच समझकर राय बना लेते हैं। अब ये खबर फैलाई जा रही कि 2014 के चुनावों को जितने के लिए भाजपा ने भी इसका इस्तेमाल किया था और कांग्रेस प्रवक्ता राहुल गाँधी ने ये ब्यान भी दिया है कि 39 भारतीयों की मौत पर पर्दा डालने के लिए डेटा चोरी की कहानी बनाई जा रही है।