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चंदा कोचर : ए सिग्नेचर दैट रुइंड ए करियर - चंदा कोचर की बायोपिक फिल्म पर लगी रोक

आईसीआईसीआई बैंक भारत का सबसे बड़ा निजी और समग्र देश में चौथा सबसे बड़ा बैंक है। आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व चेयरमैन चंदा कोचर की जीवनी पर कथित रूप से बनी फिल्म ‘‘चंदा कोचर : ए सिग्नेचर दैट रुइंड ए करियर’’ पर हाल ही में अदालत ने रोक लगा दी है। 

चंदा: ए सिग्नेचर दैट रुइंड ए करियर एक ऐसी फिल्म है जो चंदा कोचर के जीवन पर बनी है और ये उनकी बयोपिक फिल्म हैं। इस बायोपिक फिल्म में उनके जीवन की घटनाओं को दर्शाया गया हैं। इस फिल्म में केंद्रीय जांच ब्यूरो और परिवर्तन निदेशालय की जांच के बारे में भी बात की गयी हैं।


ICCI बैंक लोन फ़्रॉड

आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि चंदा कोचर पर कुछ महीने पहले ICCI बैंक लोन फ़्रॉड मामले में बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने आरोप लगाया था। इन आरोपों के चलते उन्हें मौजूदा और भविष्य में मिलने वाले सभी फ़ायदे बंद कर दिए गया जैसे बोनस, इनक्रीमेंट, स्टॉक ऑप्शन और मेडिकल बेनेफिट।  इसी के साथ बैंक के द्वारा उन्हें अप्रैल 2009 से मार्च 2018 तक जो भी बोनस उन्हें दिए गए उन्हें वापस वसूलें जाने की बात भी कही थी। चंदा कोचर के मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने बैंक को दिए गए सालाना घोषणाएँ यानी annual disclosures को बताने में ईमानदारी नहीं बरती जो बैंक की अंदरूनी पॉलिसी, कोड ऑफ़ कंडक्ट और भारत के क़ानून के तहत ज़रूरी होता हैं।


चंदा कोचर : सिग्नेचर दैट रुइंड ए करियर’’ - चंदा कोचर की बायोपिक फिल्म

सूत्रों के मुताबिक, चंदा कोचर : ए सिग्नेचर दैट रुइंड ए करियर’’ - चंदा कोचर की बायोपिक फिल्म को प्रदर्शित किये जाने और इसके विपणन पर अदालत द्वारा रोक लगा दी गई है। दिल्ली की एक अदालत ने चंदा कोचर की जीवनी पर कथित रूप से बनी फिल्म ‘‘चंदा कोचर : ए सिग्नेचर दैट रुइंड ए करियर’’ को दिखाये जाने, प्रदर्शित किये जाने और इसके विपणन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। 

इस फिल्म  के जाने के पीछे अधिवक्ता विजय अग्रवाल के माध्यम से दायर याचिका हैं। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप गर्ग ने यह फैसला दिया। अग्रवाल ने याचिका में दावा किया था कि इस फिल्म की विषय वस्तु ‘‘मानहानिपूर्ण’’ है । अदालत ने फिल्म पर रोक लगते होए निर्माता, निर्देशक और फिल्म से जुड़े सभी लोगों को एक नोटिस जारी किया हैं। इस याचिका के बाद फिल्म पर रोक लगने के मामले की अगली सुनवाई अब 26 नवंबर यानि आज होगी । अदालत ने कहा कि बचाव पक्ष के सभी लोगों एवं उनके सहयोगियों को मामले की अगली सुनवाई तक शिकायत-कर्ता का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नाम का उपयोग करने, पूरी फिल्म या इसके आंशिक हिस्से को दिखाने, प्रदर्शित किये जाने, विपणन, आनलाइन आफलाइन अथवा किसी ऐसे माध्यम में जारी करने पर रोक लगायी जाती है । 


क्या कहना है चंदा कोचर का इस बायोपिक को लेकर


अधिवक्ता विजय अग्रवाल के मुताबिक, 20 नवंबर 2019 को चंदा कोचर को पता चला कि उन पर एक बायोपिक बनी है जो उनके जीवन और उनके जीवन की घटनाओं पर आधारित है, जिसका नाम चंदा: ए सिग्नेचर दैट रुइंड ए करियर' रखा गया है।

चंदा कोचर ने शिकायत दर्ज करते हुए यह कहा,"उनके जीवन पर फिल्म बनाने अथवा उनका नाम इस्तेमाल करने के लिए न तो उनसे संपर्क किया गया और न ही उनसे सहमति ली गयी। "

दूसरी तरफ विजय अग्रवाल ने बताया कि," चंदा कोचर ने कभी संबंधित प्रोडक्शन हाउस से संपर्क नहीं किया था कि उनके जीवन पर कोई फिल्म बनाई जाए। साथ ही चंदा कोचर की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री इस बारे में खुलकर बोल रही हैं कि फिल्म चंदा कोचर की कथित गलती के बारे में है जिससे कैसे उनका जीवन बर्बाद कर दिया। "

इस फिल्म में चंदा कोचर का रोल अभिनेत्री गुरलीन चोपड़ा निभा रही हैं। चंदा कोचर के आवेदन के अनुसार, उनकी भूमिका निभा रही अभिनेत्री ने एक साक्षात्कार में यह बताया कि उन्होंने चंदा कोचर के चलने, बात करने, हाव-भाव आदि की शैली को चित्रित किया है। चंदा कोचर ने फिल्म टायटल पर भी कड़ी आपत्ति जताकर यह बी बताया कि उन्हे दोषी के रूप में उन्हें दिखाया जा रहा है।