देश के कुछ राज्यों में कैश की कमी से हाहाकार मचा हुआ है। आपको बता दें कि देश के कई राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड और मध्यप्रदेश में एटीएम खाली हैं और बाहर 'नो कैश' का बोर्ड लगा है। वही केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रसाद शुक्ल लगातार सफाई देने में लगे हुए है कि जिन राज्यों में कैश की किल्लत है, वहां अचानक कैश की मांग बढ़ना है या उन राज्यों में दूसरे राज्यों के मुकाबले कम नोट पहुंचे हैं।
आरबीआई ने कहा है कि देश में कैश का कोई संकट नहीं है। सिर्फ कुछ एटीएम में ही लॉजिस्टिक समस्या के कारण ये संकट पैदा हो गया है। आरबीआई ने इस समस्या से निपटने के लिए नोटों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए कमेटी गठित की है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि मार्च-अप्रैल के दौरान इस प्रकार की समस्या आती है। पिछले साल भी ऐसा हुआ था। ये समस्या सिर्फ एक-दो दिनों के लिए ही है। यह कैश की समस्या आने वाले तीन दिनों में ठीक हो जाएगी।
देश में हर माह 19 से 20 हजार करोड़ रुपये कैश की मांग रहती है। इसके अनुसार, एटीएम से अप्रैल में अब तक 8.45 हजार करोड़ रुपये निकलने चाहिए थे लेकिन 45 हजार करोड़ रुपये निकल चुके है यानी 13 दिन में ही लोगों ने 45 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए. यानी रोज 3,461 करोड़ रु. निकले इसके अलावा सरकारी वित्तीय संस्थानों में भी कैश स्टॉक कम हुआ। आरबीआई के पास 3 लाख करोड़ के बदले अभी 1.75 लाख करोड़ का स्टॉक है।