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आइये जाने क्या है चैत्र के नवरात्रो से जुडी कहानी जो आपने कभी नहीं पढ़ी होगी

आज से चैत्र के नवरात्री शुरू हो रहे है और आज से हिन्दू नववर्ष का शुभागमन होता है पर आज हम आपको इन नवरात्रो से जुडी कहानी बताएंगे जो आपने कभी नहीं सुनी होगी:-

एक नगर में एक ब्राह्मण मां दुर्गा की रोजाना पूजा अर्चना करता था। ब्राह्मण की एक पुत्री भी थी । उसका नाम सुमति था वह भी हर रोज अपने पिता के साथ पूजा करती थी लेकिन एक दिन खेलने कूदने में व्यस्त होने के कारण वह पूजा करना भूल गयी, तब क्रोध में आकर उसके पिता ने उससे कहा कि वह उसका विवाह किसी भिखारी और कोढ़ी से कर देंगे ।

पिता की बातों को उसने बिना किसी विरोध के सहर्ष उसे स्वीकार कर लिया। जैसा कि पिता ने कहा था कि वह उसका विवाह भिखारी से करेंगे पिता ने एक कोढ़ी भिखारी के साथ बेटी का विवाह कर दिया । अब वह अपने पति के साथ विवाह कर ससुराल चली गई। उसके पति का अपना कोई घर नहीं था इस लिए उसे जंगल में ही घास फूंस के आसन पर पूरी रात बितानी पड़ी।

उस निर्धन कन्या की ऐसी दशा देखकर माता दुर्गा उसके पिछले जन्म में किए गए उसके पुण्य के प्रभाव से प्रसन्न होकर उसके सामने प्रकट हुईं और सुमति से बोलीं हे कन्या,’मैं तुम्हारी भक्ति भावना से काफी प्रभावित हूं मैं तुम्हें तुम्हारी इच्छा अनुसार वरदान देना चाहती हूं। तुम जो चाहो वह मांग सकती हो। माता को साक्षात अपने सामने पाकर उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था तब सुमति ने देवी दुर्गा से पूछा, ‘आप मेरी किस बात पर खुश हैं माता, कन्या की बात सुनकर देवी मां ने कहा, ‘मैं पिछले जन्म के तुम्हारे पुण्य के प्रभाव से प्रसन्न हूं, तुम पिछले जन्म में एक भील की पत्नी थी।

एक दिन राजा के महल में चोरी के इल्जाम में तुम दोनों पति पत्नी को जेल में बंद कर दिया गया और उस समय तुम्हें और तुम्हारे पति को उन्होंने भोजन भी नहीं दिया । संंयोग से उस समय नवरात्री चल रही थी । इस प्रकार नवरात्रि के दिनों में तुमने न तो भोजन खाया और न ही जल पिया ,इसलिए नौ दिन तक नवरात्र व्रत का फल तुम्हें प्राप्त हुआ। जो अनजाने में व्रत हुआ उससे मैं प्रसन्न होकर आज तुम्हें तुम्हारी इच्छानुसार वरदान दे रही हूं।’यह सुनकर सुमति ने कहा कि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो कृपा करके मेरे पति का कोढ़ दूर कर दीजिए। माता ने उसकी ये इच्छा पूरी की मां भगवती की कृपा से सुमति का पति रोगहीन हो गया।

इस प्रकार मां का नवरात्रि में पूजन व उपवास सब कष्टों से मुक्ति दिलाकर सब मनोकामना पूरी करता है यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।