ओला-उबर के ड्राइवरों ने 19 मार्च को हड़ताल पर जाने की चेतवानी दी है। कंपनियों के खराब प्रबंधन के खिलाफ ये लोग हड़ताल कर रहे हैं अगर ये हड़ताल पर जाते हैं, तो इसकी वजह से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और गुरुग्राम में कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, जो इनका उपयोग करते हैं।
ड्राइवरों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वो अपने परिवार के साथ कंपनियों के बाहर विरोध करेंगे और कार पर लगे उपकरण को भी बंद कर देंगे। यह हड़ताल 19 मार्च सुबह 8 बजे से शुरू होगी और यह हड़ताल अनिश्चित काल तक भी चल सकती है।
हड़ताल करने की मुख्य कारण
1. ड्राइवरों का कहना है कि कंपनी ने उन्हें कम से कम 1.25 लाख रुपये का कारोबार देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। इसलिए कंपनियों को चाहिए कि वह अपना वादा पूरा करें।
2. इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि कंपनियां खुद की चल रही गाड़ियों को भी बंद करें।
3. ड्राइवरों ने कहा है कि जो ड्राइवर ब्लैकलिस्ट हो चुके हैं, वे अभी भी कैब चला रहे हैं। इन लोगों को भी रोका जाना चाहिए और इनकी बुकिंग बंद कर दी जानी चाहिए.
मुंबई में इस हड़ताल का आयोजन करने वाले संजय नाइक ने कहा कि कंपनियों के खराब प्रबंधन की वजह से टैक्सी चालकों का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। वो अपनी गाड़ी की ईएमआई भी नहीं भर पा रहे हैं और उन्हें अपना घर का खर्च चलाने में भी मुश्किल आ रही है।
ड्राइवरों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वो अपने परिवार के साथ कंपनियों के बाहर विरोध करेंगे और कार पर लगे उपकरण को भी बंद कर देंगे। यह हड़ताल 19 मार्च सुबह 8 बजे से शुरू होगी और यह हड़ताल अनिश्चित काल तक भी चल सकती है।
हड़ताल करने की मुख्य कारण
1. ड्राइवरों का कहना है कि कंपनी ने उन्हें कम से कम 1.25 लाख रुपये का कारोबार देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। इसलिए कंपनियों को चाहिए कि वह अपना वादा पूरा करें।
2. इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि कंपनियां खुद की चल रही गाड़ियों को भी बंद करें।
3. ड्राइवरों ने कहा है कि जो ड्राइवर ब्लैकलिस्ट हो चुके हैं, वे अभी भी कैब चला रहे हैं। इन लोगों को भी रोका जाना चाहिए और इनकी बुकिंग बंद कर दी जानी चाहिए.
मुंबई में इस हड़ताल का आयोजन करने वाले संजय नाइक ने कहा कि कंपनियों के खराब प्रबंधन की वजह से टैक्सी चालकों का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। वो अपनी गाड़ी की ईएमआई भी नहीं भर पा रहे हैं और उन्हें अपना घर का खर्च चलाने में भी मुश्किल आ रही है।