बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार गबन मामले से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। चारा घोटाले का ये तीसरा मामला है। इससे पहले दो अन्य मामलों में लालू को सजा हो चुकी है। इस मामले में बहस दस जनवरी को पूरी हो गई थी और इस मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को हुई सुनवाई में लालू के अलावा कुल 12 लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया गया है।
क्या है चाईबासा कोषागार का मामला?
चाईबासा कोषागार से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इसमें साल 1996 में केस दर्ज हुआ थ। इस मामले में कुल 76 आरोपी थे। जिनमें लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के नाम भी शामिल हैं।
हालांकि सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो चुका है। दो आरोपियों सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना जुर्म कबूल लिया, जबकि तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया है।