पोर्नोग्राफी आज के समय में भी एक ऐसा शब्द है जिसको लोग खुलेआम कहने में असहज महसूस करते हैं। हालाँकि शिक्षा के विस्तार और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के कारण पोर्नोग्राफी लोगों की पहुंच तक जल्दी ही आ गया हैं। अब लोग इंटरनेट के माध्यम से कभी भी पोर्नोग्राफी को देख सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि पोर्नोग्राफी होता क्या हैं? पोर्नोग्राफी के अंतर्गत ऐसे फोटो, विडियो, मैसेज, ऑडियो और अन्य कंटेंट आता है जिसमे सेक्स, यौन, यौन कृत्यों और नग्नता को दिखाया गया हो। कई वेबसाइट होते है जो सिर्फ पोर्नोग्राफी से संबंधित होते हैं। पोर्नोग्राफी वैसे तो कई तरह की होती है जैसे एडल्ट पोर्नोग्राफी, चाइल्ड पोर्नोग्राफी। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के अंतर्गत बच्चों के फोटो, विडियो, मैसेज, ऑडियो और अन्य कंटेंट आता है जिसमे सेक्स, यौन, यौन कृत्यों और नग्नता को बच्चों को आधार रखकर दिखाया गया हो। बच्चों से मतलब है – 18 साल से कम उम्र के लोग।
भारत देश में वैसे तो पोर्नोग्राफी पर कानून बहुत सख्त हैं लेकिंन चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Law on Child Pornography) पर यह कानून अधिक सख्त हैं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के अंतर्गत कोई भी अपराध करने पर आपको सजा, जेल, जुर्माना आदि भरना पड़ सकता हैं। हाल ही में देश कोरोना वायरस महामारी फैली हुई हैं जिसके चलते पहले देश में 21 दिन का लॉक डाउन घोषित हुआ था जिसकी अवधि बढ़कर अब लॉक डाउन पीरियड 2. 0 के तहत 19 दिन का लॉक डाउन बढ़ गया हैं यानी अब ये 3 मई 2020 तक हो गया हैं। लोग घर पर रहकर इस कदर परेशान हो गए थे कि लोगों के खाली समय का सही उपयोग करने के लिए सरकार ने कुछ धार्मिक सीरियल जैसे रामायण और महाभारत फिर से नेशनल दूरदर्शन पर शुरुर कर दिए हैं। इन सीरिसल के वापिस आने से लोगों में ख़ुशी और उत्साह दोनों थे। लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह से लॉक डाउन का पीरियड बढ़ गया है उसी तरह से चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने वाले लोगों की तादाद भी बढ़ गयी हैं।
क्या कहते है आंकड़ें - चाइल्ड पोर्नोग्राफी के बारें में
हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार जो आंकड़ें सामने आये है वो चौकाने वाले हैं। आंकड़ों के अनुसार, इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी की मांग अचानक 100% तक बढ़ गई है। हाल ही में इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (India Child Protection Fund - ICPF) ने इस रिसर्च के द्वारा इस बात का खुलासा किया है।
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड के अनुसार, लॉक डाउन के पीरियड के दौरान अब तक सबसे अधिक इंटरनेट पर सर्च में चाइल्ड पोर्न, सेक्सी चाइल्ड और टीन सेक्स वीडियोज को सबसे ज्यादा सर्च किया गया है। कुछ पॉर्न वेबसाइट पर आने वाले सभी लोगों के डाटा के अनुसार, लॉक डाउन पीरियड के दौरान इंटरनेट पर अचनाक चाइल्ड पोर्नोग्राफी की डिमांड बढ़ गयी हैं। इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड ने दुनिया में पोर्नोग्राफी के लिए सबसे ज्यादा सर्च वेबसाइट से जब आंकड़ें लिए तो एक चौकाने वाली बात सामने आयी।
इसके अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के आने से पहले के आंकड़ें कुछ और थे और लॉक डाउन के घोषित होने बाद से 24 मार्च से 26 मार्च के बीच भारत में पहले की अपेक्षा पोर्नोग्राफी को सर्च करने वाले ट्रैफिक में 95% बढ़ोतरी हुई जो चौकाने वाली बढ़त हैं। इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 100 शहरों में जहाँ 2019 दिसम्बर तक हर महीने एक औसत के हिसाब से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की डिमांड 50 लाख थी जो अब बढ़कर बहुत अधिक हो गई है।
किन शहरों में हैं चाइल्ड प्रोनोग्राफी की अधिक डिमांड
दक्षिण भारत के आंकड़ें
चेन्नई और भुवनेश्वफर - इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड के अनुसार, सबसे ज्यादा जेनेरिक चाइल्ड् पॉर्नोग्राफी की मांग वाला शहर हैं चेन्नई और भुवनेश्वफर जहाँ आंकड़ें बहुत अधिक चौकाने वाले हैं। चेन्नई और भुवनेश्वफर के बाद जहाँ चाइल्ड प्रोनोग्राफी की अधिक डिमांड है वो शहर हैं - कोलकाता, सिलीगुड़ी, हावड़ा, चंडीगढ़, गुवाहाटी, इंदौर, आदि। चेन्नई, भुवनेश्वफर, कोलकाता, सिलीगुड़ी, हावड़ा, चंडीगढ़, गुवाहाटी, इंदौर जैसे शहरों में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़े खास तरह के कंटेंट की मांग थी जैसे उम्र समूह, लोकेशन व अन्य टॉपिक आदि सर्च किये गए हैं।
उत्तर भारत के आंकड़ें
उत्तर भारत के जिन शहरों में चाइल्ड् पॉर्नोग्राफी की सबसे ज्यादा मांग देखी गयी वो हैं - नई दिल्ली, लुधियाना, रायपुरा, लखनऊ, चंडीगढ़, आगरा और शिमला। इन शहरों में में गूगल पर चल रहे जो टॉपिक सबसे ज्यादा सर्च किये गये वो हैं - ट्रेंडिंग टॉपिक आन चाइल्ड पोर्नोग्राफी।
मध्य भारत के आंकड़ें
मध्य भारत के जिन शहरों में चाइल्ड् पॉर्नोग्राफी की सबसे ज्यादा मांग देखी गयी वो हैं - रायपुर, रांची और इंदौर, पश्चिम भारत में मुंबई, ठाणे, पुणे और अहमदाबाद आदि इन शहरों में चाइल्ड् पॉर्नोग्राफी के हर तरह के टॉपिक की मांग की गयी।
पूर्वी भारत के आंकड़ें
पूर्वी भारत के जिन शहरों में चाइल्ड् पॉर्नोग्राफी की सबसे ज्यादा मांग देखी गयी वो हैं - इंफाल, गुवाहाटी, कोलकाता, हावड़ा, शिलांग, कोच्चि, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम आदि।
बढ़ते आंकड़ों से बढ़ेगा यौन उत्पीड़न
अगर हम इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड के द्वारा दिए गए आंकड़ों और रिपोर्ट की बात करें तो समाज में इस बढ़ती मांग के कारण आने वाले समय में यौन शोषण के बढ़ने के आसार हैं। एक तरग जहाँ लोग घर बैठकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मज़ा ले रहे है, इसके कारण बच्चों के प्रति यौनाचार, दुष्कर्म, बच्चों से सेक्स आदि जैसी छुपी इच्छाओं के बढ़ने से समाज में यौन शोषण बढ़ जायेगा। इसके कारण समाज में अपराध भी बढ़ेगा और इसका शिकार होने में कोई और नहीं बल्कि हमारे देश का भविष्य यानी बच्चे होंगे।
यौन शोषण और यौन उत्पीड़न के आंकड़ों के देखते हुए इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड ने यह आशंका जताई है कि आने वाले समय में आपराधिक प्रवृति के बढ़ने के आसार है और इसी कारण भारत देश के लाखों लोगों की इन दबी हुई इच्छाओं पर रोक लगाने की जरूरत हैं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलें बढ़ जायेंगे।
राजस्थान के आकाश नरवाल की 2013 की याचिका
चाइल्ड पोर्नोग्राफी के बढ़ते आंकड़ों के खिलाफ 2013 में राजस्थान के 12वीं कक्षा के छात्र आकाश नरवाल ने अलग मुहीम शुरू की थी । आकाश ने अपने वकील कमलेश वसवानी के जरिये राजस्थान कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसमे उन्होंने पोर्न को देखने, उसकी वेबसइट और उसको जारी करने के लिए सही दिशा और निर्देश लागू किये जाने की सिफारिश की थी। इस याचिका को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने 2015 मे कई पोर्न साइट को बंद कर दिया गया। हालाँकि कई वेबसाइट को बंद करने के बाद भी आंकड़ें कुछ ज्यादा आशावादी नहीं हैं।
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