जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सोमवार के दिन की शुरुआत के साथ ही chandrayaan-2 लॉन्च किया जाना था। सोमवार का दिन शुरू होते ही रात 2:51 पर chandrayaan-2 इसरो द्वारा लांच किया जाना था। परंतु इस लॉन्च के लगभग 1 घंटे पहले ही उस चंद्रायण में वैज्ञानिकों द्वारा एक त्रुटि पाई गई। जिसकी वजह से chandrayaan-2 के लॉन्च को रोक दिया गया। आइए जान लेते हैं इसके पीछे छुपी पूरी खबर के बारे में….
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क्या है चंद्रायण?
चंद्रयान में आई त्रुटि को जानने से पहले हम आपको बता देना चाहते हैं कि चंद्रयान क्या चीज है? दरअसल भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया एक ऐसा उपकरण चंद्रयान है जो चंद्रमा की सतह पर जाकर चंद्रायण में लगे उपकरण की सहायता से चंद्र स्थल की आकृति, खनिज तत्व प्रचुरता, चंद्रमा के बाहरी विभाजन और हाइड्रोक्सिल और जल-हिम का अध्ययन कर सभी जानकारियां वैज्ञानिकों तक पहुंचाता है। आपको यह भी बता दें कि भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा पहला चंद्रयान साल 2008 में लांच किया गया था। 8 साल 2019 में दूसरा चंद्रयान लांच होने वाला था।
चंद्रायण लॉन्च को टालने की वजह
जहां एक तरफ इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा चंद्रायण को लॉन्च करने की पूरी तैयारी कर ली गई थी वहीं चंद्रयान लॉन्च से ठीक 56 मिनट 24 सेकेंड पहले चंद्रायण में आई तकनीकी खराबी का ज्ञान होते ही रात 1 बज कर 36 सेकेंड पर चंद्रायण लॉन्च रोक दिया गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि समय रहते उन्होंने इस त्रुटि का ज्ञान कर लिया अन्यथा इसके लॉन्च से एक बड़ी दुर्घटना का होना संभव था। अब जल्द ही उस रोटी को सुधारकर चंद्रायण 2 की लॉन्च की नई तारीख की घोषणा की जाएगी।
वैज्ञानिकों ले लिया सही समय पर सही फैसला
इस chandrayaan-2 को लेकर भारतीय नागरिकों में बेहद उत्सुकता देखी गई थी। परंतु अब जब आया है लॉन्च नहीं हो पा रहा है तो वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बात को लेकर निराश होने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। वैज्ञानिकों ने बताया कि विमान से ईंधन लीकेज की आशंका है। वैज्ञानिकों के 70 साल के अनुभव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने विमान लांच के आखिरी पलों में इस त्रुटि को भाप लिया अन्यथा यह विमान लांच किसी बड़े बम विस्फोटक का कारण बन सकता था। इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बात को लेकर निराश होने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है लगभग 1 माह के समय में इस विमान की सभी कमियों को ठीक कर दिया जाएगा और आशा पूर्वक एक महीने बाद इसकी नई लांच तारीख की घोषणा भी की जाएगी।
सही समय पर लिया सही फैसला
इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि समय रहते वैज्ञानिकों द्वारा सही फैसला ले लिया गया है। जल्दबाजी में कोई भी काम बिगड़ सकता है इसलिए चंद्रायण टूल के लॉन्च को रोकना ही उनका एक सही फैसला था। जल्द ही वैज्ञानिकों द्वारा विमान की त्रुटि को लेकर विभिन्न बयान दिए जाएंगे जिसमें उनके द्वारा निर्माण में होने वाली कमियों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। उनका कहना है कि जल्द ही इसकी लॉन्च की दूसरी तारीख भी निश्चित कर दी जाएगी। आशंका जताई जा रही है कि वर्तमान में संसद सत्र चल रहा है जिसकी वजह से सरकार भी इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी इस मामले पर पूरी तरह से कार्यवाही संसद सत्र पूरा होने के बाद ही की जाएगी।
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