हमारे यहां की सरकारी स्कूल से हर कोई वाकिफ होता है। बड़े ही मजबूरी में अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं। हमारे देश में सरकारी स्कूल को लेकर दिमाग में एक अलग ही मानसिकता निर्मित हो गई है। बच्चों से जब कोई पूछता है कि आप कहां पढ़ते हो, तो बच्चों को भी यह बताने में शर्म आती है कि वे सरकारी स्कूल में अपनी अध्ययन का कार्य कर रहे हैं।
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ऐसी मानसिकता हो भी क्यों न, गवर्नमेंट द्वारा दिया गया स्कूल निर्माण का बजट इन नेताओं के पेट में जो चला जाता है। और शिक्षक भी पैसा पाकर स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बजाय आराम फरमाते हैं। बेचारे बच्चे, वे हर तरफ से पीस दिए जाते हैं।
हमारे भारत के सरकारी स्कूल की चर्चा अभी तक विदेशों में भी फ़ैल गई है। लेकिन, हाल ही में केजरीवाल की सरकार से दिल्ली के सरकारी स्कूल में कई ऐसे परिवर्तन किए हैं जिन्हें जानकार विदेशी भी इस बात की काफी सराहना कर रहे हैं।
भले ही दिल्ली में केजरीवाल सरकार की कितनी भी कठोर निंदा की गई हो लेकिन, स्कूल निर्माण के बाद वे बच्चों की जबान में अपनी जगह बना लिए हैं।
केजरीवाल सरकार ने बदल दी स्कूल की सूरत
किसी बड़े घर का लड़का, नेता का लड़का सरकारी स्कूल में इसलिए नहीं जाता है क्योंकि, वहां साफ़-सफाई का परिवेश ही नहीं रहता है, बैठने के लिए टाट-पट्टी यूज की जाती हैं। लेकिन,दिल्ली सरकार ने सरकारी स्चूलों का हुलिया ही बदल दिया है। जहां, बच्चों को बैठने के लिए टाट तक नहीं मिलती थी वहां, बच्चे अब डेस्क में बैठकर कंप्यूटर चला रहे हैं।
देगा बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को टक्कर
दिल्ली की सरकारी स्कूल की मरम्मत के दौरान हर विशेष उपलब्धियों का ख्याल रखा गया है जो एक विद्यार्थी के लिए बहुत जरूरी है। इस स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर बड़े स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को टक्कर देने के लिए तैयार है। कई बड़ी स्कूल भी इसकी फैसिलिटी और पढ़ाई के आगे सिर नहीं उठा पाएंगी।
मिशन बुनियाद का लिया जाएगा सहारा
बच्चों को अच्छी तरह से समझाने के लिए और उनके सम्पूर्ण मानसिक विकास के लिए दिल्ली सरकार ने मिशन बुनियाद नामक एक योजना का ऐलान किया है। यह योजना छोटी क्लास की बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद रहेगी। इस योजना का उद्देश्य बच्चों की मानसिक शक्ति को बढ़ाना है और उन्हें किसी भी चीज को अच्छी तरह से समझा पाना है।
इस योजना के बाद टीचर बच्चों को कहानी के माध्यम से बच्चों को किसी भी बात को समझाएंगे। इतना ही नहीं ऐसी चीजें जो खेल के माध्यम से बच्चों को लम्बे समय के लिए बच्चों को याद कराई जा सकती है, प्रयोग में लाई जाएंगी।
इस तरह मिशन बुनियाद की मदद से बच्चे मनोरंजक कहानी और खेल की मदद से किसी भी चीजों को आसानी से याद कर पाएंगे।
बच्चों ने की सराहना
दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे केजरीवाल जी के इस फैसले से वे बहुत खुश हैं। अब बच्चों को यह बताने में किसी भी तरह का संकोच नहीं होगा कि वे दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं।
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