रविवार को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आखिरी चरण की मतदान प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है. जिसके बाद से ही एग्जिट पोल पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. एग्जिट पोल में एक ओर जहां एनडीए को देश में 300 से अधिक सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर अमेठी लोकसभा सीट की बात करें तो यहां बीजेपी की स्मृति ईरानी, कांग्रेस को कड़ा मुकाबला दे रही हैं.
You Might Also Like: Lok Sabha Elections 2019: सारे एग्जिट पोल का अनुमान- एक बार फिर मोदी सरकार!
आपको बता दें, कांग्रेस द्वारा अमेठी से इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं. यहां आपको यह भी बता दें कि अमेठी को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और इसलिए राहुल गांधी के कंधों पर इस सीट पर अपनी जीत को बरकरार रखने की चुनौती है. हालांकि, कुछ एग्जिट पोल्स की माने तो स्मृति ईरानी इस सीट पर कड़ी टक्कर दे रही हैं और यहां जीत दर्ज कर सकती है. अमेठी में मतदान प्रक्रिया को 6 मई को पूरा किया गया था.
वैसे तो कई बार एग्जिट पोल का अनुमान गलत साबित होता है लेकिन अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी की जीतने की संभावना और राहुल गांधी के हारने के कारणों की बात करें तो इसके पीछे 6 वजह सामने आ रही हैं. तो चलिए बिना आपका अधिक वक्त लिए आपको बताते हैं कि ये 4 कारण क्या हैं.
चुनाव में नहीं खरीदे जा सके वोट
माय नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेठी में उन्होंने कई लोगों से बातचीत की. जिसमें लोगों ने कहा कि, चुनाव से पहले अमेठी में टैंकर भरकर रुपया लाने का काम किया जाता है. कांग्रेस ने अपने इस किले में वोट खरीदकर अपने उम्मीदवार को जिताने का काम किया है.
हालांकि, मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र में मोदी सरकार ने वित्तीय नेटवर्क पर पहरा बैठा रखा है. इसके अलावा चुनाव आयोग भी इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए किस तरह की कसर नहीं छोड़ रहा है. जिसके चलते कांग्रेस किसी भी तरह से वोट्स नहीं खरीद पाई है.
5 साल स्मृति ईरानी ने किया काम
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 'माय नेशन' को बताया कि 2014 के चुनावों में उन्हें महज 20 दिन का समय प्रचार के लिए मिला था। इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस के वोट को बड़ा झटका दिया था। स्मृति ने बताया कि इसका सबूत है कि 2014 के बाद विधानसभा और लोकल चुनावों में राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अमेठी की 5 सीटों में 4 पर कब्जा कर लिया।
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने माय नेशन को बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें चुनाव प्रचार के लिए केवल 20 दिन का वक्त मिला था. इसके बाद भी उन्होंने कांग्रेस के वोट बैंक को बड़ा झटका दिया था. स्मृति ने कहा कि इसका सबूत विधानसभा और लोकल चुनाव में राहुल गांधी की हार है. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इसमें बीजेपी ने 5 में से 4 सीटों पर अपना कब्जा किया था.
मुस्लिम वोट बैंक में बंटवारा
अमेठी में कांग्रेस को मुस्लिम वोट बैंक का सबसे अधिक लाभ मिलता था लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में इस वोट बैंक में सेंध लग गई है. कांग्रेस के पूर्व नेता हाजी मोहम्मद हारूद राशीद ने इस चुनाव में कांग्रस का दामन छोड़ दिया था और वह कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतरे थे.
कांग्रेस ने अमेठी में नहीं किया अधिक काम
दशकों से बंद पड़ी फैक्ट्रियों और अधूरी पड़ी योजनाओं से यह साफ है कि कांग्रेस द्वारा अमेठी को नजरअंदाज किया गया है. अमेठी की पुरुष साक्षरता दर 64.6 फीसदी है और महिला साक्षरता दर 53.5 फीसदी है. वहीं मनरेगा के तहत 1.5 फीसदी परिवारों का जॉब कार्ड बना हुआ है जिन्हें अमेठी और रायबरेली में कम से कम 100 दिन का रोजगार दिया गया है. स्मृति ईरानी के इंटरव्यू के मुताबिक उन्होंने कहा, अमेठी में कैप्टन सतीश शर्मा के नाम पर शिलान्यास लगे हैं लेकिन पिछले 15 सालों में राहुल गांधी ने उनकी सुध नहीं ली जबकि इस दौरान 10 साल तक केंद्र में यूपीए की सरकार थी.
क्या कहते हैं एग्जिट पोल
India TV-CNX के Exit Poll के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 50, समाजवादी पार्टी को 14, बीएसपी को 13 और कांग्रेस को 2 सीटें मिल सकती हैं. वहीं, 1 सीट रालोद के खाते में जा सकती है. 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी को 73, एसपी को 5 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं.
2014 मे अमेठी से जीते थे राहुल
बता दें, 2014 के लोकसभा चुनाव तक राहुल गांधी इस सीट से लगातार 3 बार सांसद रह चुके हैं. बीजेपी ने राज्यसभा सांसद स्मृति ईरानी को यहां से मैदान में उतारा था. वहीं, आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास ने भी यहां से चुनाव लड़ा था. ईरानी ने 3 लाख से ज्यादा वोट हासिल कर राहुल को कड़ी टक्कर दी थी जबकि कुमार विश्वास की जमानत जब्त हो गई थी.
You Might Also Like: Lok Sabha Elections 2019: सारे एग्जिट पोल का अनुमान- एक बार फिर मोदी सरकार!
You Might Also Like: भारतीय नेताओं के इन बयानों को पढ़ आप भी सोचेंगे - कहां से आते हैं ऐसे लोग!
You Might Also Like: अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते चौथी बार में झुका चीन, मसूद अजहर को घोषित किया ग्लोबल आतंकी