अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी होने पर सांसद सतीश कुमार गौतम भड़क गए हैं। उन्होंने कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को पत्र भेजकर यह तस्वीर लगाने की वजह पूछी है। दूसरी ओर एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय का कहना है कि यह तस्वीर छात्रसंघ भवन में लगी है। आखिर एएमयू की कौन सी मजबूरी है कि उसे जिन्ना की तस्वीर लगानी पड़ रही है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को खत्म किए जाने की कोशिशों को लेकर यूनिवर्सिटी की हिमायत में खड़े हुए देवबंदी उलमा भी छात्र संघ हॉल में मोहम्मद अली जिन्ना की फोटो मिलने से खासे नाराज हो गए हैं। उलमा ने कहा कि जिन्ना की फोटो लगाना सरासर गलत है। जो लोग इस काम को कर रहे हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। ये काम यूनिवर्सिटी और मुसलमानों को बदनाम करने की एक नाकाम कोशिश है।
अब एएमयू सर्किल पर हिंदू युवा वाहिनी के लोगों ने जिन्ना का पुतला फूंका है। जिसके बाद हिंदूवादी संगठन और एएमयू के छात्र आपस में भिड़ गए। जानकारी के मुताबिक हिंदू संगठन के लोग और छात्र लठ लेकर आमने सामने आ गए है। पुलिस ने मामले को शांत करने के लिए क्षेत्र में RAF की 2 कंपनी तैनात की हैं। आक्रोशित छात्रों ने पुलिस-प्रशासन एवं मीडिया को निशाना बनाया तथा उनके ऊपर पत्थर फेंके। इससे विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार ‘बाब-ए-सैयद’ से लेकर एएमयू सर्किल तक भगदड़ मच गई। पुलिस ने भी छात्रों पर लाठी चार्ज एवं आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद उनका आक्रोश सातवें आसमान पर है।
छात्र गुरुवार को कक्षाएं, प्रैक्टिकल एवं परीक्षाएं स्थगित कर बाब-ए-सैयद पर पहुंच गये। छात्रों ने 6 मई तक एकेडमिक कार्य ठप रखने का एलान किया है। बुधवार को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद यह भी एलान किया है कि वह परीक्षा व प्रैक्टिकल में भी शामिल नहीं होंगे। इस फैसले पर यूनिवर्सिटी प्रशासन, टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टॉफ ने भी छात्रों को समर्थन दिया है। बता दें कि बीते दशक में यह पहली बार होगा।