यौन शोषण के आरोप में क़रीब 5 साल से ज़्यादा वक़्त से जेल में बंद आसाराम को आज जोधपुर कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उनके साथ ही उनकी राजदार शिल्पी, शरतचंद्र, शिवा और रसोइया प्रकाश को भी इस मामले में दोषी ठहराया गया है।
पांच साल पहले राजस्थान के जोधपुर जिले में आसाराम एक फार्म हाउस में मौजूद थे। वहीं नाबालिग के साथ रेप करने के आरोप में आसाराम को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। आसाराम को इस केस में न्यूनतम 3 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है। यदि आसाराम इस केस में बरी भी हो जाते हैं, तो भी वो जेल से नहीं छूटेंगे। दूसरे केस के लिए अहमदाबाद पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
आसाराम का असली नाम असुमल थाउमल हरपलानी है। उसका परिवार मूलतः सिंध, पाकिस्तान के जाम नवाज अली तहसील का रहनेवाला था, लेकिन भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उसका परिवार अहमदाबाद में आकर रहने लगा। 15 साल की आयु में घर छोड़ दिया और गुजरात के भरुच स्थित एक आश्रम में आ गया। यहां आध्यात्मिक गुरु लीलाशाह नाम से दीक्षा ली। दीक्षा के बाद लीलाशाह ने ही उनका नाम आसाराम बापू रखा था।