अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा की तरफ से निकाला गया मोर्चा रविवार को मुंबई पहुंचा। इस मोर्चे में करीब 40 हज़ार किसान शामिल है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसान अपनी मांगो को लेकर पुरे परिवार सहित मोर्चे पर है। क़र्ज़ के बौझ को झेलते हुए किसान सड़क पर उतरे है और मोर्चा करने का फैसला किया है। कई किसान नंगे पैर ही नासिक से लेकर मुंबई तक आ गए हैं और उनके पैरों से खून तक निकल रहा है। इस मोर्चे में खेतिहर मज़दूर और कई आदिवासी शामिल हैं और उन्होंने हाथों में लाल झंडा लिया हुआ है।
किसानों ने सरकार के सामने चार मांगे रखी हैं जिन्हें लेकर आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल के बीच बैठक होगी। शिवसेना सहित विपक्षी दल किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। शिवसेना ने भी किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। मुंबई पहुंचते ही मुंबईवासियों ने किसानो का दिल खोलकर स्वागत किया। मुंबई के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ठाणे के सायन तक के बीच किसानों के लिए जगह-जगह आम लोगों ने नाश्ते, पानी का इंतजाम किया और उन्हें फूल भी बांटे गए।
किसानों का रुख़ देखते हुए महाराष्ट्र सरकार भी ऐक्शन में आ गई है। किसानों की मांगों पर विचार के लिए फडणवीस सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जिसमें छह मंत्री शामिल हैं। कमेटी में चंद्रकांत पाटिल, पांडुरंग फुडकर, गिरीश महाजन, विष्णु सवारा, सुभाष देशमुख और एकनाथ शिंदे शामिल हैं। किसानों का कहना है कि फडणवीस सरकार ने पिछले साल किया 34000 करोड़ का कर्ज़ माफी का वादा अब तक पूरा नहीं किया है।