पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के बाद अब रोटोमैक (Rotomac) पेन कंपनी के मालिकों पर भी बैंक को चूना लगाने का मामला सामने आया है। सोमवार सुबह सीबीआई ने कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी को कानपुर से हिरासत में ले लिया और विक्रम कोठारी के साथ साधना कोठारी और राहुल कोठारी के खिलाफ मामला दर्ज किया। ये मामला 7 बैंकों से पैसे लेकर नहीं लौटाने का है और रोटोमैक कंपनी पर कुल 3695 करोड़ का बकाया है।
सोमवार सुबह सीबीआई की टीमों ने कानपुर में कोठारी के 3 ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने पहले बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर कार्रवाई की। वहीं, दिल्ली में भी कार्रवाई की गई और फिर रोटोमैक डायरेक्टर का आवासीय परिसर और ऑफिस सील कर दिया गया। बैंक ऑफ़ बड़ौदा के अलावा इस मामले में बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के नाम भी शामिल है।
विक्रम कोठारी ने 2012 में अपनी कंपनी रोटोमैक के नाम पर सबसे पहले इलाहबाद बैंक से 375 करोड़ का लोन लिया था। इसके बाद यूनियन बैंक से 432 करोड़ का लोन लिया। इतना ही नहीं विक्रम कोठारी ने इंडियन ओवरसीज़ बैंक से 1400 करोड़, बैंक ऑफ इण्डिया से लगभग 1300 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा से 600 करोड़ रुपये का लोन लिया, लेकिन किसी बैंक का लोन चुकता नहीं किया।