मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, समाज में रहते हुए हमे अनेक लोगो के साथ मिलना जुलना पड़ता है, उठना बैठना पड़ता है । उनमे से कुछ लोग अपने व्यक्तित्व से सबको प्रभावित कर लेते है तथा कुछ स्वार्थी होते है जो सिर्फ अपने बारे में ही सोचते है ।
हम कैसे जाने की कौन हमारा सच्चा मित्र है और कौन स्वार्थी है । इसकी पहचान यह है की सच्चा मित्र हमेशा हमारा ख्याल रखता है चाहे कैसी भी परिस्थिति हो और जो मतलबी लोग होते है वो मुश्किल समय में साथ नहीं देते ।
मतलबी लोग जरुरत के समय ही याद करते है तथा अच्छे समय में व्यस्तता का बहाना बनाते है, मतलबी लोग हमेशा अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते है । जो लोग जरुरत से ज़्यादा मीठा बोलते है, चापलूसी करते है, वे मतलबी होते है । अपने फायदे के लिए लोगो का इस्तेमाल करना उन्हें उन्हें अच्छे से आता है । ऐसे लोग अपने फायदे के लिए किसी की निंदा करके दूसरो की दृष्टि में उन्हें बदनाम करने की साजिश करते है ।
ऑफिस में अक्सर मतलबी लोग अपने मतलब के लिए अपने बॉस की चापलूसी करते दिखाई देते है, ऐसे लोग दूसरो की गुप्त बात बता कर अपने बॉस का विश्वास जीतने की कोशिश में लगे रहते है, ऐसे लोग विश्वास के काबिल नहीं होते ।
मतलबी लोगो का व्यव्हार समय और परिस्थिति के अनुसार अलग - अलग होता है, ऐसे लोग अपना मतलब निकालने में माहिर होते है और मतलब निकल जाने पर आँखे फेर लेते है ।