दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला हुआ है। इसी के चलते हर देश की सरकार अपने यहां एतिहायत बरतते हुए हर संभव प्रयास कर रही है जिससे कोरोना वायरस को मात दी जा सके। लोग अब अपने सभी काम ऑनलाइन कर रहे हैं फिर चाहे वो ऑफिस का काम हो या फिर पढ़ने का। सरकार ने स्कूल और कॉलेज के बच्चों की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और उन्हें कोरोना वायरस से बचाने से लिए छुट्टियां दे दी हैं। इसके अलावा देशभर में तीसरी बार लॉकडाउन किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने लॉकडाउन खत्म होने के बाद स्कूलों के लिए कुछ जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (Department of School Education and Literacy) द्वारा इन गाइलाइन्स को बनाया जा रहा है और इन्हें लागू करवाने पर काम भी किया जा रहा है। आपको बता दें, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने हाल ही में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक की थी जिसमें बच्चों के सुरक्षा दिशानिर्देशों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया था। चलिए जानते हैं आपके बच्चों के स्कूल में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं।
एडमिशन प्रकिया होगी ऑनलाइन -
लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई तक रहेगा। लॉकडाउन के दौरान सभी प्रशिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है जिसमें स्कूल, कॉलेज और प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट शामिल हैं। बेशक, इस दौरान बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेज़ का प्रबंध किया गया है। अब ये भी कहा जा रहा है कि बच्चों के एडमिशन भी ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत किए जाएंगे। लेकिन केंद्रीय विद्यालय ऐसा नहीं करेगा क्योंकि सभी के पास इंटरनेट की सुविध उपलब्ध नहीं है। ऐसे में केंद्रीय विद्यालयों की ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया चालू नहीं होगी।
स्कूल खुलने से पहले भेजी जाएगी गाइडलान्स –
मंत्रालय सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही स्कू्लों और कॉलेजो के लिए ऐसी गाइडलाइन बना रहा है जिससे बच्चों की सेहत और सुरक्षा का पूरी तरह ध्यान रखा जा सके। स्कूल खुलने से पहले ही हर स्कूल को सभी तरह के दिशानिर्देश और गाइडलाइंस भेज दी जाएंगी।
नई गाइडलाइन्स को गर्मी की छुट्टियों के दौरान स्कूलों को भेजा जाएगा जिससे स्कूल प्रशासन को इन छुट्टियों के दौरान सभी तैयारियां करने और गाइडलाइन्स का पालन करने का समय मिल जाए। ऐसे में जब भी बच्चे कोरोना वायरस महामारी के संकट में स्कूल जाएंगे तो उन्हें नजारा बदला हुआ दिखाई देगा। सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि टीचर्स को भी काफी कुछ बदला हुआ दिखेगा और एतिहायत के तौर पर उन्हें सख्ती से कई गाइडलाइन्स का पालन करना होगा।
बच्चों की क्लास में लागू होगा सोशल डिस्टेंसिंग –
बच्चों की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा। जब भी लॉकडाउन के बाद स्कूल और कॉलेज खुलेंगे तो वहां सोशल डिस्टेंसिंग पर खास ध्यान दिया जाएगा। ऐसे में जहां कुछ स्कूलों में एक जगह पर दो या तीन बच्चे बैठते थे वहां अब सिर्फ एक बच्चा बैठेगा। क्लास में 40 से 45 बच्चों के बजाय सिर्फ 20 बच्चों के बैठने की जगह बनाई जाएगी। ऐसे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) को स्कूलों की जगहों पर खासा ध्यान देना होगा। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लॉकडाउन से पहले दी जा रही क्लासेज को लॉकडाउन के बाद सामान्य तरीके से देना बहुत मुश्किल होगा।
सिर्फ क्लास रूम में ही नहीं बल्कि लाइब्रेरी में भी इस तरह से व्यवस्था की जाएगी कि छात्र सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन कर सकें।
स्कूल की कैंटीन में मिलने वाले फूड में भी बदलाव होगा। कैंटीन और स्कूल के आसपास जंकफूड को बिल्कुल बंद कर दिया जाएगा जिससे बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ सके। आपको बता दें, कोरोना वायरस कम इम्यूनिटी वाले लोगों को अधिक प्रभावित करता है।
लॉकडाउन के बाद हालात सामान्य होने के बाद ही फर्स्ट क्लास और छठी क्लास के बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
इन गाइडलान्स में एक चेकलिस्ट भी होगी। इसके अलावा बच्चों और स्कूल स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा के उपायों के बारे में भी दिशानिर्देश दिए जाएंगे।
किस एरिया में कोरोना वायरस की मार अधिक है वहां भी संस्थानों के लिए अलग गाइडलाइन जारी की जाएगी जिससे शैक्षणिक संस्थान हालातों को ध्यान में रखकर गाइडलाइन्स को फॉलो कर सकें।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) की बैठक और गाइडलाइंस में बार-बार छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी की बात कही गई है। मुख्यतौर पर गाइडलाइन्स में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही सीटिंग अरेंजमेंट पर दिशा-निर्देश बनेंगे। लेकिन इसके साथ ही साफ-सफाई पर भी कुछ गाइडलान्स बनेंगी। हालांकि अभी गाइडलाइन्स पर काम जारी है और जल्द ही स्कूलों को ये भेज दी जाएंगी।
आपको बता दें, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की गाइडलाइन्स हालांकि पहले ही जारी कर दी गई है। इन गाइडलाइन्स के तहत पुराने छात्रों की क्लोसेज को अगस्त से शुरू होने की बात कही गई है, वहीं नए छात्रों की क्लासेज सितंबर से शुरू होंगी। यूजीसी द्वारा भेजी गई गाइडलाइन्स में भी ऑनलाइन क्लासेज पर जोर दिया गया है।
आपको बता दें, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्यांण मंत्रालय (MOHFW) के आंकड़ों के मुताबिक, इस समय देशभर में कोरोना के लगभग 32 हजार सक्रिय मरीज हैं। इसके अलावा लगभग 12 हजार लोग कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं। वहीं 1500 के आसपास लोगों की मौत हो चुकी हैं। भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) समय-समय पर कोरोना वायरस से संबंधित जानकारियों से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही कोरोना वायरस से बचने के लिए ना सिर्फ अहम कदम उठा रहे हैं बल्कि लोगों को कोरोना वायरस से बचने के उपाय भी बता रहे हैं।
स्कूलों में भी ऑनलाइन क्लासेज के दौरान टीचर्स बच्चों को कोरोना महामारी के बारे में अवगत करवा रही हैं ताकि बच्चों भी इस महामारी के बारे में जागरूक हो सकें। इतना ही नहीं, छोटे बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज में फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजिंग इत्यादि के बारे में भी जानकारी दी जा रही है और उन्हें इसका निरंतर अभ्यास करवाया जा रहा है।
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