हैदराबाद डॉक्टर से रेप और उसकी जलाकर निर्मम हत्या करने वाले चारों आरोपियों को हैदराबाद की पुलिस ने ऑन दी स्पॉट एनकाउंटर में मार गिराया गया है। ये घटना उस वक़्त हुई जब डॉक्टर गैंगरेप केस के चारों आरोपियों को पुलिस क्राइम सीन (Crime scene) रीक्रिएशन के लिए घटनास्थल पर लेकर गयी। हैदराबाद शहर के तेलंगाना में होने वाले इस एनकाउंटर की घटना कोई नयी घटन नहीं हैं, आई एक घटना साल 2008 में भी हो चुकी हैं। उस घटना को लोग वारंगल एनकाउंटर के नाम से जानते हैं।
डॉक्टर गैंगरेप केस के आरोपियों का एनकाउंटर
हैदराबाद में महिला डॉक्टर से गैंगरेप और जलाकर हत्या करने के आरोपियों के एनकाउंटर की घटना से हैदरबाद के लोगों में पुलिस के लिए सम्मान बढ़ हैं। इस घटना ने लोगों को 2008 में हुए वारंगल एनकाउंटर की याद दिला दी हैं। सूत्रों से पता चला है कि गैंगरेप के चारों आरोपियों को हैदराबाद पुलिस जिसमे कमिश्नर वी.सी सज्जनार की टीम थी, इन आरोपियों क्राइम सीन (Crime scene) रीक्रिएशन के लिए घटनास्थल पर लेकर गयी। वह पर जाकर आरोपियों मोहम्मद आरिफ, नवीन, शिवा और चेन्नाकेशवुलु ने पुलिस पर हमला कर भागने की कोशिश की।
वीसी सज्जनार ने मीडिया को बताया कि," हैदराबाद की महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले सभी चार आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है।"
2008 वारंगल एनकाउंटर
ह्यदएराड शहर के वारंगल में होने वाला एनकाउंटर की घटना दिसंबर 2008 की है जब वारंगल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज की दो छात्राओं पर एसिड फेंकने के आरोप में उन्हीं के साथ पढ़ने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया था। एसिड फेंकने वाले युवकों ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि उनके साथ पढ़ने वाली लड़कियों ने उनसे प्यार करने और उन्हें अपनाने से मन कर दिया था। लड़के लड़की को परेशान करते, स्कूल से घर आते-जाते उसका पीछा करते और फब्तियां कसते। लड़कियों के विरोध करने पर बौखलाए गुस्से में आकर लड़कों ने दोनों लड़कियों पर एसिड फेंक दिया था। एसिड अटैक में दोनों छात्राएं बुरी तरह से झुलस गईं थी। इस घटना के होने के 48 घंटे अंदर ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें पुलिस ने कोर्ट में भी पेश कर दिया था।
जब क़ानूनी कार्यवाही जारी थी तो तीनों आरोपियों की दो बार रिमांड ली गयी थी। इसी बीच क्राइम सीन पर ले जाकर पुलिस को क्राइम सीन (Crime scene) रीक्रिएशन की जरुरुआत पड़ी। पहली बार रिमांड पर लेकर पुलिस तीनों को घटनास्थल पर लाई थी और दूसरी बार जब पीड़ित छात्राओं के मोबाइल, एसिड फेंकने वाली वस्तु आदि की बरामदगी के लिए पुलिस आरोपियों को घटनास्थल तक लाई थी तब तीनों आरोपियों ने भागने की कोशिश में पुलिस पर हमला कर हथियार छीने और फायरिंग करना शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें धमकिया दी और पकड़ने की कोशिश की लेकिन वो भागने की कोशिश में लगें रहें और फायरिंग करते रहें। इसके जवाब में पुलिस की टीम ने काउंटर फायरिंग में तीनों आरोपियों को मार गिराया। यह एनकाउंटर वारंगल के बाहरी इलाके मामोनूर में हुआ था। वारंगल एनकाउंटर घटना के 12वें दिन हुआ था।
कौन हैं पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार
वारंगल 2008 का एनकाउंटर हो या 2019 का डॉक्टर रेप केस एनकाउंटर लेकिन इन दोनों घटनाओ के पीछे जिस पुलिस वाले का हाथ है वो हैं - पुलिस कमिश्नर - आईपीएस ऑफिसर वीसी सज्जनार। वीसी सज्जनार 1996 की बैच के IPS अफसर हैं। उन्होंने पिछले साल ही दिसंबर में साबराबाद के पुलिस कमिश्नर के रूप में चार्ज संभाला था। पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने इस एनकाउंटर के बाद एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी सभी सराहना कर रहे हैं। कुछ लोग तो उन्हें हीरो की तरह मान रहे हैं।
एक यूजर ने सोशल मीडिया पर लिखा,"'2008 में वारंगल में बतौर एसपी ऐसिड अटैक के आरोपियों का एनकाउंटर और अब हैदराबाद में बतौर पुलिस कमिश्नर गैंगरेप के आरोपियों का एनकाउंटर। वीसी सज्जनार असली हीरो हैं।'
वीसी सज्जनार ने मीडिया को बताया कि," हैदराबाद की महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले सभी चार आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है।"