अमरनाथ यात्रा को रोकने से चार दिनों से कश्मीर में अफरा तफरी का माहौल बन गया है। हर कोई परेशान है और यह जानने का इच्छुक है कि आखिर उसकी यात्रा में बाधा क्यों लाया गया है? इन सभी सवालों का उत्तर भारत सरकार के जवानों ने दे दिया है। सरकार ने शनिवार को अमरनाथ यात्रा रोक देने का आदेश दिया था और तभी सभी श्रद्धालु हंगामा मचाने लगे। जाहिर सी बात है बिना कोई कारण बताए अचानक से यात्रा रोक देने से हंगामा तो मचेगा ही।
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लेकिन, सरकार ने यह चुप्पी ज्यादा दिन तक नहीं रखी और Lt General KJS Dhillon ने चुप्पी तोड़ते हुए मीडिया को बताया कि आतंकी हमले की साजिश की वजह से अमर यात्रा को स्थगित किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कई तरह के हथियार मिले हैं जो यह दावा करते हैं कि उनकी मदद से भीड़ के बड़े पैमाने को टारगेट किया जाएगा। इस तरह से सैनिकों और पुलिस ने अपनी सूझबूझ दिखाई और अमर यात्रा को रोक दिया।हालांकि, श्रद्धालुओं के लिए यह बहुत ही दुखद है लेकिन, जोखिम लेने से अच्छा यही था कि यात्रा ही रोक दिया जाए।
जम्मू कश्मीर की पुलिस चीफ दिलबाग सिंह और एडीजी सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन ने बताया कि पाकिस्तान की आर्मी और आतंकी संगठन इस यात्रा में अशांति फैलाने के लिए कई तरह की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, इनकी कोशिश सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे कई तरह के सर्च ऑपरेशन भी शुरू कर दिए हैं। और पाया गया कि सभी हथियार पाकिस्तान आर्मी से जुड़े हुए थे। इस तरह से हमारे जवानों की टोली हर मुमकिन प्रयास कर रही है कि इन दिनों किसी भी तरह का हादसा न हो और इसलिए सरकार के आदेश अनुसार अमर यात्रा बंद कर दिया गया है।
भेजा जा रहा है जम्मू
सरकार के आदेश के बाद अमरनाथ यात्री बीच से ही लौटना शुरू कर दिए हैं। बड़ी तादाद में यात्रियों के लौटने के सिलसिले के चलते श्रीनगर के एयरपोर्ट में भी काफी ज्यादा भीड़ जमा हो गई है। वहीं, रेलवे जंक्शन भी भरे पड़े हैं। सभी स्थायी निवासी, पढ़ने वाले छात्र छात्राएं इस एलान के बाद घर वापसी ही उचित समझ रहे हैं। शनिवार के दिन सुबह लगभग 800 छात्रों ओ बस के जरिये जम्मू भेजा गया है।
इसके साथ अमरनाथ यात्रियों को भी घाटी खाली करने को कहा गया है और इस सिलसिले में उन्हें बसों के जरिये घाटी से जम्मू ले जाया जा रहा है। किसी भी तरह की असावधानी कई लोगों के जान की जोखिम बन सकती है। इसलिए, उचित यही होगा कि सभी सरकार के आदेश का पालन करें और घाटी से बाहर चले जाएं।
पाकिस्तानी हमलों का मुँहतोड़ जवाब
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के ओर से लगातार सीज फायर का उल्लंघन किया जा रहा है और आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश की जा रही है।शनिवार के दिन केरन सेक्टर की एक चौकी पर बैट के जवानों से हमला कराया गया जिसमें सैनिकों ने पाक के इस नापाक इरादे को रोकने में सफल हुई। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीत के 7 से 8 जवान मारे जाने की पुष्टि की है और उनके शवों की तलाश अभी भी जारी है।
ड्रोन के मदद से जारी की तस्वीरें
सेना ने पाकिस्तान द्वारा कराए गए आतंकी हमले के बैट हमलावरों की तस्वीरें एक ड्रोन कैमरे के जरिये खींची और सभी तस्वीरें पेश कर चुकी हैं।
तोप भी हुआ इस्तेमाल
पाकिस्तान लगातार सीज फायर का उल्लंघन कर रही है। दो दिन पहले पाकिस्तान सेना द्वारा पूंछ जिले के मेंढर क्षेत्र को निशाना बनाया गया। हालांकि, इस हमले का सेना ने मुँहतोड़ जवाब दिया है। इसके लिए सेना ने तोपों का भी इस्तेमाल किया है। हालांकि, पाकिस्तान आर्मी यह मानने से साफ़ इनकार कर रही है। लेकिन, हथियार अपना सबूत पेश करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सेना ने मीडिया को बताया कि वे पाकिस्तान के इस नीच हरकतों का माकूल जवाब देने में पीछे नहीं हट रहे हैं। पिछले 72 घंटे में पाकिस्तान द्वारा कई जगह से घुसपैठ करने की कोशिश की गई है जिसमे जैश-ए-मोहम्मद सरगना के आतंकी शामिल थी। जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को सेना ने मार गिराया है।
इन आतंकियों के जरिये सेना को स्नाइपर राइफल, आईईडी और लैंड माईन बरामद किया गया है जो घाटी में अशांति फैलाने के उद्देश्य से पाकिस्तान में निर्मित किया गया था।
विमान भेजा गया
अमरनाथ यात्रियों को सुरक्षित रखने के लिए सभी कोशिशें जारी हैं। इस दौरान अमरनाथ में फंसे यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए वायुसेना द्वारा विमान सी 17 एस ग्लोबमास्टर भेजा गया है। यह विमान अत्याधुनिक फैसिलिटी से लैस है।
घाटी से 20 हजार से ज्यादा लोग लौट चुके हैं जबकि लाख यात्री फंसे हुए हैं।
झेलनी पड़ रही है आफत
एयरपोर्ट और रेलवे जंक्शन में यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई है जिससे अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है और बैठने तक की जगह नहीं बची है। यात्रियों से मनमानी किराया वसूला जा रहा है तो वहीं, पानी की बीस रुपये वाली बोतल लोगों को 100 रुपये में खरीदना पड़ रहा है। इसके अलावा यात्री परिजनों से फोन पर बात नहीं कर पा रहे हैं और होटल में सभी कमरे बुक हो चुके हैं जिस वजह से बाकी लोगों को ठहरने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।