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शबाना के ट्रोलर्स को जवाब देते हुए जावेद ने किया अभद्र भाषा का प्रयोग, कहा- गद्दारों की औलाद तेरी क्या औकात

एंटी-नेशनल, भारत विरोधी जैसे शब्द आपातकाल के समय की शब्दावली का हिस्सा थे. आपातकाल के दौर में इस शब्द का इस्तेमाल सरकार का विरोध करनेवाले कार्यकर्ताओं के लिए किये जाता था। 

आज कोई और सत्ता में है और कोई आप  आलोचना केर दें तो वो भी एक प्रकार से '‘राष्ट्र-विरोधी" यानी एंटी-नेशनल कहलाता हैं। कों को देश का दुश्मन बताते हुए इसी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है। 

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बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने के बाद फिर अपने विचारों को व्यक्त ना करने की स्वतंत्रता न होने के आरोप लगने लगे हैं। इस बार इस आरोप के साथ सामने आयी हैं अभिनेत्री शबाना आजमी।

शबाना आजमी (Shabana Azmi)  का एंटी-नेशनल (Anti national)  बयान

दरअसल, मुद्दा उठा था इंदौर से 6 जुलाई में हुए एक कार्यक्रम में शबाना आजमी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो कोई भी सरकार की किसी भी तरह की आलोचना कर देता है उसे एंटी-नेशनलिस्ट साबित कर दिया जाता है इस बात के बाद ट्रोलर्स ने शबाना को एक निशाना बना लिया

जावेद अख्तर को करना पड़ा बचाव

“शबाना आजमी इन्टरनेट में और हर तरह के सोशल मीडिया पर ट्रोलर्सका शिकार हो गईं। हर कोई शबाना आजमी को घेरने लगे और कई भले बुरे शब्द भी कहने लगे इसी बीच मामला इतना ज्यादा संगीन हो गया कि उनके पति जावेद अख्तर को इस बीच आना पड़ा। इसी सिलसिले में जावेद अख्तर ने एक ट्रोलर को करारा जवाब दिया। लेकिन, जवाब इतना ज्यादा बुरा था की जावेद अख्तर खुद ही ट्रोल होने लगे

दरअसल, 6 जुलाई के दिन शबाना आजमी ने इंदौर में एक जनसभा का आयोजन किया था और उन्होंने एक राष्ट्रवादी बयान देते हुआ कहा था “अगर कोई सरकार की आलोचना करता है तो उसे राष्ट्रविरोधी कहा जाता है”

इस बात की बहस इतनी ज्यादा हो गई कि खुद जावेद अख्तर अखाड़े में कूद पड़े

शबाना आजमी इतने में नहीं रुकी और फनी एमोजी के साथ एक बात ट्विटर में और ट्वीट कीं उन्होंने कहा “मेरी एक टिप्पणी को लेकर इतना हंगामामुझे नहीं पता था कि मैं दक्षिणपंथियों की नजरों में इतना महत्व रखती हूं दीपा मेहता की फिल्म 'वॉटरके लिए मेरा सिर मुंडवाने पर मेरे खिलाफ मुस्लिम चरमपंथियों ने फतवा जारी किया था जिस पर जावेद अख्तर का जवाब था चुप रहो।”

इस ट्वीट को देखकर एक ट्विटर युजर संजीव कुमार अग्रवाल ने रिप्लाई किया और कहा

“कश्मीर में मारकाट हो इनके दर्द नहीं होता

बंगाल में हत्याएं होती है इनके दर्द नहीं होता

दिल्ली में मंदिर तोड़ दिया गया इनके दर्द नहीं होता

लेकिन इनके रिश्तेदार #आतंकवादी मरते हैं तो इनके दर्द होता है

तो कमबख्त क्यों नहीं छोड़ देते भारत को।

इस रिप्लाई से जावेद अख्तर पूरी तरह भड़क गए और उन्होंने शबाना आजमी का पक्ष रखते हुए एक बयान दे डाला जो अभद्रता से भरपूर था उन्होंने कहा

“जब हमारे बाप दादा देश की आज़ादी के लिए खून बहा रहे थे तो तेरे जैसों के बाप दादा अंग्रेज़ों के जूते चाट रहे थे। ग़द्दारों की औलाद तेरी क्या औक़ात है कि तू हम से हमारा देश छोड़ने को कहे”

यह जवाब अभद्रता से भरा था और जावेद अख्तर इस बात से पूरी तरह घिर गए ऐसा बयान देने के बाद ट्विटर में कई यूजर जावेद अख्तर को प्रतिक्रिया करने लगे और बात सही भी थी भला इतनी अभद्रता से कौन बात करता है

यह बात सनसनी की तरह मीडिया में भी फ़ैल गई और हर कोई इस जावेद अख्तर के इस घृणित सोच की निंदा कर रहे हैं एक तरह से कहा जाए तो जावेद अख्तर खुद अपने ही जाल में फंस चुके है उर वहां से निकलने के लिए उन्हें खुद माफ़ी मांगनी पड़ेगी

क्या है एंटी नेशन्लिज्म

एंटी नेशन्लिज्म उन भावनाओं को दिखलाता है वो देश विरोधी होने का दावा करती हैं भारत देश में सभी व्यक्ति का अधिकार है कि, वह अपनी स्वेच्छा से कुछ भी कर सकता है। इस अधिकार में किसी को कोई भी रोक-टोक नहीं है लेकिन कुछ ऐसा कार्य करना या फिर ऐसे वाक्यों को प्रयोग में लाना जिनसे देश की प्रतिभा और मान-सम्मान पर असर पड़ता है, तब आप एंटी नेशनलिस्ट हो जाते हैं

एंटी नेशनल केटेगरी में कौन आता है

ऐसा कोई भी व्यक्ति जो अपने देश के विरुद्ध कहता है एंटी-नेशनल केटेगरी में आता है उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति जो इंडिया में रहता हो और वह गाता पाकिस्तान का हो तो ऐसे व्यक्ति को एंटी-नेशनल व्यक्ति कहा जाएगा

एंटी नेशनल का मतलब सिर्फ नेशनल के खिलाब बोलना नहीं होता है बल्कि, कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग करना जो देश के मान पर असर करे भी एंटी-नेशनल केटेगरी में आता है इसके साथ इस केटेगरी में वे लोग भी शामिल हो जाते हाँ जो देश की महान हस्तियों के बारे में आलोचना करते हैं जैसे अगर आप महात्मा गांधी जी के बारे में कुछ गलत कहते हैं तो यह बयान भी एंटी-नेशनल केटेगरी में आएगा

जोड़-तोड़ के वो सभी बातें एंटी-नेशनल केटेगरी में शामिल ही जाती हैं जिससे अपने देश के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा पर फर्क पड़े। ठीक उसी तरह जैसे महबूबा मुफ़्ती का पाकिस्तान के प्रति देशप्रेम।

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कई बड़ी हस्तियों के एंटी नेशनल बयान

महबूबा मुफ़्ती

यह बात किसी से नहीं छिपी है कि महबूबा मुफ़्ती अक्सर अपने एंटी-नेशनल बयान के चलते ट्रोल होती रही हैं ये अक्सर अपने देश के गौरव को ठेस पहुँचाने वाली बाते करती हैं उदाहरण के तौर पर जब पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हुए थे तब इनके बयान बहुत ही ज्यादा शर्मनाक थे महबूबा मुफ़्ती ने देश के सैनिकों के गौरव को बढ़ाने के बजाय पाकिस्तान की आवाज बोल रही थीं और बदला लेने के बात पर अपनी प्रतिक्रिया पाकिस्तान की हमदर्द की तरह जता रही थीं

सलमान खान का एंटी-नेशनल बयान

2010 में सलमान खान ने पाकिस्तान मीडिया से एक इंटरव्यू के दौरान यह कहा था कि 26/11 हमला घबराने वाला था क्योंकि यह हमला बड़े लोगों के लिए था और इस हमले में पाकिस्तानी सरकार शामिल नहीं थी।

इस बात पर आपत्ति जताते हुए शिवशेना ने सलमान को एंटी-नेशनल करार दिया था।

आमिर खान का एंटी-नेशनल बयान

आमिर खान ने 2015 में देश में असहिष्णुता पर एक बयान दिया था और कहा था “पिछले छह-आठ माहों में असुरक्षा का भाव बढ़ा है। जब मैं किरण से बात करता हूँ तो वह कहती हैं कि हमें भारत से बहार चले जाना चाहिए

इस बात पर अनुपम खेर ने कहा था कि आपको यह भी पूछ लेना चाहिए कि किस देश में जाना पसंद करेंगी।

आमिर खान के इस एंटी-नेशनल बयान से पूरी मीडिया में अफरा-तफरी मच गई थी।

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