हल्दी के चमत्कारी गुणों को हम सब बखूबी जानते हैं। भारत में बनने वाले व्यंजनों में हल्दी एक महत्वपूर्ण मसाला होती है। इसके अलावा यह अपनी औषधीय ताकत के लिए भी काफी मशहूर है। पीली या साधारण हल्दी से तो सभी वाकिफ़ हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि हल्दी काली भी होती है? जी हाँ, काली हल्दी उतनी प्रचलित भले ही ना हो लेकिन गुणों के मामले में यह पीली हल्दी को भी मात दे सकती है। एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर काली हल्दी का इस्तेमाल अधिकतर इलाज हेतु ही किया जाता है। आइये जानते हैं क्या हैं काली हल्दी और पीली हल्दी के फायदे।
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काली हल्दी-
1) पेट रोगों में असरदार- काली हल्दी के सेवन से आंतो में पर्याप्त मात्रा में बैक्टीरिया उत्पन्न होते हैं जो पेट से जुड़े रोगों के लिए लाभकारी होते हैं। इसके उपयोग से पेट में होने वाले छालों का भी खतरा टल जाता है।
2) सूखी खांसी- यदि आप सूखी या गीली किसी भी प्रकार की खांसी से पीड़ित हैं तो काली हल्दी को धोकर उसके रस का सेवन करने से आपको आराम मिलेगा। काली हल्दी अस्थमा, निमोनिया आदि रोगों के लिए भी असरदार होती है।
3) जोड़ों में दर्द- यदि आप जोड़ो में दर्द से परेशान हैं तो काली हल्दी एक असरदार जड़ी-बूटी है। इसमें पाया जाने वाला आइबूप्रोफेन जोड़ों के पुराने से पुराने दर्द को ठीक करने की क्षमता रखता है।
4) दिदोरी दूर करें- कई बार गर्मी या कपड़ों के कसाव के चलते शरीर पर लाल दिदोरी आ जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप काली हल्दी वाले दूध को रुई की सहायता से दिदोरी पर कुछ देर के लिए लगायें। इसके दिदोरी खत्म हो जाएगी और त्वचा में निखार आएगा।
5) खुजली- कई बार ख़राब पानी के इस्तेमाल या खून की खराबी की वजह से त्वचा में खुजली होने लगती है। काली हल्दी में मौजूद इंफ्लेमेटरी गुण खुजली से छुटकारा दिलाते हैं।
ऊपर दिए गये रोगों के अलावा तांत्रिकों द्वारा भी काली हल्दी का इस्तेमाल विभिन्न रोगों को ठीक करने एवं तंत्र विद्या आदि के लिए किया जाता है। काली हल्दी के बाद आइये जानते हैं पीली हल्दी के असरदार नुस्खों के बारे में।
पीली हल्दी-
1) वजन घटायें- हल्दी का पानी पीने से टोक्सिन्स दूर होते हैं और यह हमारे फैट को कम करता है। पानी ने मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हमारी याददाश्त बढ़ाने के भी काम आते हैं।
2) डायबिटीज- हल्दी का इस्तेमाल इन्सुलिन के स्तर को कम करता है। हल्दी का पानी पीने से ग्लूकोस का स्तर नियंत्रित रहता है और मधुमेह को ठीक करने में मदद करता है।
3) कैंसर- मेडिकल साइंस के अनुसार हल्दी में भारी मात्रा में करक्यूमिन पाया जाता है, जो शरीर में कैंसर के विकास को रोकता है। यह कैंसर कोशिकाओं को पैदा नहीं होने देता। हानिकारक रेडिएशन्स के कारण होने वाले ट्यूमर के विकास को भी यह रोकता है।
4) सूजन- चोट आदि की वजह से उत्पन्न हुयी सूजन को कम करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी में खाने वाले चूने को मिलाकर उसका लेप लगाने से सूजन धीरे-धीरे कम हो जाती है। यह शरीर में मौजूद प्राकृतिक सेल्स को खत्म करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म कर देती है।
5) चर्म रोग- हिन्दू परंपरा से होने वाले विवाहों में शरीर पर हल्दी लगायी जाती है। दरअसल ऐसा करने से त्वचा में चमक तो आती ही है और साथ ही साथ यह चर्म रोगों से भी हमारी सुरक्षा करती है।
6) घाव भरने के लिए- हल्दी में पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक गुण घाव को तेजी से भरने में मदद करते हैं। यही आपकी त्वचा जल या कट गयी है तो घाव को अच्छे से साफ़ करके उसपर हल्दी पाउडर छिड़क सकते हैं।
7) दांत की समस्या होने पर- दांतों की देखभाल करने एवं मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए थोड़ी सी हल्दी में नमक और सरसों का तेल मिलाकर लगायें। इससे मसूड़ों की सूजन दूर होती है और वह एकदम स्वास्थ्य रहते हैं।
8) लीवर- हल्दी ऐसे एंजाइम्स बनाती है जो लीवर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। लीवर सम्बंधित समस्याओं ने निजात पाने के लिए हल्दी एक असरदार नुस्खा है।
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