पश्चिमी देशों में मनाए जाने वाले हैलोवीन त्यौहार को सबसे पहले केवल ईसाई मनाते हैं। धीरे -धीरे इस त्यौहार को यूरोपीय देशो के साथ-साथ अन्य देशो और भारत में भी मनाया जाने लगा। भारत के बड़े शहरों जैसे मेट्रो सिटीज में हैलोवीन त्यौहार को मनाने का ख़ासा क्रेज देखा जाता हैं खासकर युवा वर्ग के बीच में ये त्यौहार मुख्य रूप से मनाया जाता हैं। कुछ शहरो जैसे दिल्ली और मुंबई में तो यह त्यौहार एक थीम की माना जाता है और कई पब्स और बार इस त्यौहार की थीम पर पार्टीज रखते हैं। हर साल की तरह इस साल भी यह त्यौहार 31 अक्टूबर को पूरी दुनिया में मनाया जायेगा।
आएये जानते हैं हैलोवीन त्यौहार के बारे में -
हैलोवीन पश्चिमी देशों में 31 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है। हैलोवीन (Happy Halloween) को Hallows Eve, All Saints Eve, All Hallow Evening, All halloween भी कहा जाता हैहैलोवीन त्यौहार पूर्वजों की याद में मनाया जाने वाला त्यौहार हैं। जैसा नाम है वैसे ही इस त्यौहार को मनाने का खास अंदाज और बेहद निराला होता है। अगर हम दिवाली, दशहरा या किसी अन्य त्यौहार की बात करें तो सब नए और सूंदर कपडे पहनने की कोशिश करते है लकिन इस त्यौहार पर लोग कुछ अलग तरह के और डरावने कपडे और मेकअप पहनते हैं। इस दिन लोग आत्माओं और भूतों की तरह मेकअप करके खुश होते हैं। इस त्यौहार को दुनिया भर में ईसाई और गैर-ईसाई लोग धूमधाम से मनाते हैं। इस त्यौहार के दिन आपस में ख़ुशी बांटने के लिए एक दूसरे को उपहार देकर और केक अदि देकर अपनी ख़ुशी बांटते हैं। इस त्यौहार को भूत प्रेतों से जोड़ने के लिए लोग डरावने कपड़े और मुखोटे पहन कर पार्टी करते है |
कैसे हुई हैलोवीन त्यौहार की शुरूआत
इस त्योहार की शुरुआत आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी जहाँ पर सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन सेल्टिक लोगों के बीच यह नए वर्ष की शुरूआत के रूप में मनाया जाता था। हैलोवीन की शुरुआत यूरोप में सेल्ट ने 16वीं शताब्दी में की थी। इस त्यौहार को नॉर्थ-यूरोप की सेल्टिक प्रजाति जिससे सेल्ट कहा जाता है, उन्होंने मनाना शुरू किया था। वो लोग साल की फसल कटाई के अंत और सर्दियों की शुरुआत को एक उत्सव के रूप में मनाते थे जिसे 'हैलोवीन' नाम दिया गया। सेल्ट इस उत्सव को मनाने के लिए अलाव जलाते थे जिसमें बलि दिए जा चुके पशुओं की हड्डी फेंकी जाती थी। साथ ही बच्चे, बड़े और बुजुर्ग भूतों जैसी वेशभूषा पहन और मुखौटा लगातार बुरी आत्माओं की नकल करते थे। उनका मानना था कि ऐसा करने से बुरी आत्माएं शांत हो जाती हैं।
हैलोवीन त्यौहार से जुडी कथाएं
- एक पौराणिक कथा के अनुसार यूरोप में लोग मानते थे कि इस समय मृत लोगों की आत्माएं आकर संसारिक प्राणियों से साक्षात्कार करती और उनके अनुसार पुरखों की आत्मा धरती पर आने से उनका फसल काटना आसान हो जाएगा। इसीलिए वो लोग बहुत और डरावने बनकर जानवरों के मौखटे, उनकी चमड़ी, उनके सिर पहनकर आग के आसपास नाचते -गाते थे। लोग के अनुसार कोई विशिष्ट सर्वोच्च प्राकृतिक शक्ति उनकी फसल अच्छी करने और उनके विकास में उन्हें सहायता करती है और इस प्रकार हैलोवीन त्यौहार की शुरुआत हुई।
- एक और पौराणिक कथा के अनुसार, कुछ लोग मानते हैं कि ये त्यौहार केल्टिक के लोगों का साम्हिन (Samhain) त्यौहार है जिसमें वो लोग भूतों और बुरी आत्माओं से बचने के लिए डरावने कपडे पहनते थे और मोमबत्तियां जलाते थे।
- कुछ कथा में इसे अमेरिका के वासियों द्वारा कद्दू की खेती की कटाई के लिए शुभ माना जाता था और इस समय बहुत बड़े- बड़े कद्दू मिलते हैं, जिन्हें आसानी से काटा भी जा सकता है। आइरिश लोग हैलोवीन पर जैक ओ लैंटर्न बनाते हैं। लोग बड़े- बड़े कद्दुओं का मुखौटा बनाकर या इस पर डरावने मुंह काटकर, बीच में जलती हुई मोमबत्ती रख देते हैं। इसे पुराने लोग रात को अँधेरे में घर की चौखट पर रखते थे जिससे जैक जैक ओ लैंटर्न (Jack-O-lanterns) कहते हैं।
- इस त्यौहार को मनाने के लिए और हॉन्टेड हाउस का निर्माण करने के लिए कुछ लोग किसी खास जगह को चुनकर कद्दू को सुखाकर इसके ढांचे को भूत के सिर का आकार देकर उस जगह को सजाते हैं। इसे भूतों का एक प्रतीक माना जाता है। उस जगह को ऐसे सजाया जाट है जिससे कि वो जगह एक हॉन्टेड हाउस की तरह लगे।
- कंजूस जैक और शैतान की आयरिश लोककथा के अनुसार इस दिन लोग लालटेन जलाने का रिवाज़ मानते हैं। कथा के अनुसार, आयरलैंड में जन्मे कंजूस शराबी जैक ने अपने एक शैतान दोस्त को घर में शराब पीने के लिए बुलाया लेकिन वो नहीं चाहता था कि अपना पैसा खर्च करे.उसने अपने दोस्त को शराब के बदले घर में लगा कद्दू यानी पंपकिन देने के लिए राजी किया लेकिन बाद में उसने ऐसा करने ऐसे मना कर दिया। उसके दोस्त ने गुस्से में पंपकिन की डरावनी लालटेन बनाकर घर के बाहर पेड़ पर टांग दिया, जिस पर उसके मुंह की नक्काशी की और जलते कोयले डाल दिए. तब से दूसरे लोगों के लिए सबक के तौर पर इस दिन जैक-ओ-लालटेन का चलन शुरू हो गया। कुछ लोग इससे उनके पूर्वजों की आत्माओं को रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से रक्षा करने के प्रतीक के रूप में भी मानते है।
हेलोवीन के बारे में कुछ रोमांचक बातें
- क्रिसमस के बाद सबसे ज्यादा लोकप्रिय और मनाया जाने वाला त्यौहार हैलोवीन त्यौहार है।
अमेरिका में बच्चे इस दिन ट्रिक और ट्रीट खेल खेलते है जिसके अंदर वो पड़ोसियों के घर-घर जाकर बोलते है ट्रिक और ट्रीट। तब पडोसी उन्हें ट्रीट बोल देते है तो उन्हें बच्चों को खाने के लिए चॉकलेट देने होते हैं।
ट्रिक और ट्रीट खेल की शुरुवात केल्टिक लोगों ने की थी। इस खेल के पीछे उनका मकसद अपने घरों के बाहर खाने पीने की वस्तुएं रखकर आत्माओं को बुलाने का था जिससे वो खुश होकर उन्हें आशीर्वाद दें।
कुछ लोग अमेरिका में हैलोवीन की शाम को काली बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ मानते है। अमेरिका में माता पिता इस दिन बच्चों के कपड़ों पर बहुत खर्च करते हैं और उन्हें डरावनी बहुत प्रेतों की ड्रेस दिलाते हैं। कुछ लोग इस दिन बिल्ली की बलि देना भी शुभ मानते है।
कुछ लोग हेलोवीन को रोम के एक त्यौहार से प्रभावित मानते हैं जिसे पोमोना (Pomona) कहा जाता है जिसमें रोम की देवी की पूजा की जाती है | ऐसा इसलिए है क्यूंकि रोम ने 43 A.D में केल्टिक पर अपना अधिकार कर लिया था