एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (ACI) विश्व के विमानक्षेत्रों का एक अलाभार्थी वैश्विक व्यापार संघ है जिसमे 641 सदस्य शामिल हैं। ये विश्व के 176 देशों एवं क्षेत्रों में 1953 विमानक्षेत्र चला रहे हैं। एसीआई अपने सदस्य देशों के विमान क्षेत्र के हितों का प्रतिनिधित्व करती है एवं विमानक्षेत्र प्रबंधन एवं संचालन में व्यावसायिक मानकों के उत्थान के उद्देश्य हेतु कार्य करती है। इसका मुख्य उद्देश्य एक सुरक्षित एवं वातावरण उत्तरदायी वायु यातायात प्रणाली को जन-जन के लिये उपलब्ध कराना है।
हाल ही में एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (ACI) ने 2018 के लिए प्रारंभिक विश्व हवाई अड्डा यातायात रैंकिंग जारी की है। इसके अनुसार, दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यात्रियों की संख्या के लिहाज से दुनिया के बड़े हवाई अड्डों की सूची में 12वें स्थान पर पहुंच गया है। दिल्ली एयरपोर्ट ने इस बार की रैंकिंग में 4 स्थान की छलांग लगाकर 12 वां स्थान हासिल किया हैं। इससे पहले यह एयरपोर्ट 16वें स्थान पर था।
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनैशनल की रिपोर्ट में बताया गया है कि यात्रियों की संख्या के मामले में अमरीका का हाटर्सफील्ड-जैक्सन अटलांटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 10.74 करोड़ यात्रियों के साथ पहले, चीन का पेइचिंग कैपिटल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 10.10 करोड़ यात्रियों के साथ दूसरे और दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 8.91 करोड़ यात्रियों के साथ तीसरे पायदान पर कायम रहा। अमरीका के लॉस एंजलौस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने जापान के टोक्यो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को 5वें स्थान पर पहुँचाकर चौथा स्थान हासिल किया है।
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा - टॉप 20 में जगह बनाने वाला एक मात्र भारतीय हवाई अड्डा
अगर हम आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या पिछले सालों की तुलना में। 2017 की तुलना में 10.2 प्रतिशत बढ़कर 2018 में 6.99 करोड़ पर पहुंच गई। इसी के आधार पर सूची में 12वां सबसे बड़ा हवाई अड्डा दिल्ली एयरपोर्ट बन गया है जबकि 2017 में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 16वें स्थान पर था। दिल्ली हवाई अड्डा विमानों की आवाजाही के लिहाज से 13वें स्थान पर है। जबकि 2017 में यह इस मामले में 21वें स्थान पर था। बीते साल यहां कुल 4,80,707 लैंडिंग और टेक-ऑफ हुए और इसकी वृद्धि दर 7.3 फीसदी रही है।
एसीआई द्वारा जारी रैंकिंग के अनुसार, जीएमआर ग्रुप द्वारा संचालित दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने यात्री यातायात के लिए दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते हवाई अड्डों में से एक के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। अगर यात्रियों की संख्या की वृद्धि की बात की जाए तो केवल सियोल का इंचियोन इंटरनेशनल 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ दिल्ली एयरपोर्ट की वृद्धि के करीब था। इस बार की रैंकिंग में इंचियोन इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने 16 वां स्थान हासिल किया है।
अगर हम अन्य भारतीय हवाई अड्डों की रैंकिंग की के बारे में बात करें तो टॉप 20 में जगह बनाने वाला एकमात्र भारतीय हवाई अड्डा दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। हालाँकि भारत में डेढ़ करोड़ से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही वाले सबसे तेजी से बढऩे वाले हवाई अड्डों में बेंगलुरु हवाई अड्डा पहले पायदान पर है। पिछले साल यहां यात्रियों की संख्या 29.1 प्रतिशत से बढ़कर 3.23 करोड़ पर पहुंच गई। हैदराबाद हवाई अड्डा 21.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर रहा जबकि पिछले बार यहाँ यात्रियों की आवाजाही 2.09 करोड़ थी।।
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल की महानिदेशक एंजेला गिटेन्स का बयान
आंकड़ों के अनुसार यह उम्मीद है कि उभरते बाजारों में बढ़ती आय से आने वाले दशकों में वैश्विक यातायात को नई ऊंचाइयां मिलेगी। ऐसा होने से पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका के अधिक परिपक्व बाजारों में विमान केंद्र शुरू हो सकते है जो अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मज़बूत करेंगे।
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल की महानिदेशक एंजेला गिटेन्स का कहना है कि," उदार विमान बाजार की तरफ भारत ने जो कदम बढ़ाया है, उससे यह सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में से एक बन गया है। इससे अर्थव्यवस्था की बुनियाद भी मजबूत करने के उपायों से यह सबसे तेजी से बढ़ रहा हैं। यहाँ पर अपेक्षाकृत कम समय में हवाई यातायात में तेजी वृद्धि हुई है।"
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, शिकागो हवाई अड्डे ने अटलांटा हवाई अड्डे को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल किया हैं। पिछले साल की रैंकिंग की तरह लॉस एंजेलिस हवाई अड्डा तीसरे, अमेरिका का डलास चौथे और बीजिंग चौथे स्थान पर अभी भी टिके हुए हैं। कांगो की बात की जाए तो इसके अनुसार हांगकांग हवाई अड्डा पहले, अमरीका का मेमफिस हवाई अड्डा दूसरे और शंघाई हवाई अड्डा तीसरे स्थान हैं। इसमें शीर्ष 20 में किसी भी भारतीय हवाई अड्डे को स्थान नहीं मिला है।
एसीआई का विश्व हवाई अड्डा यातायात पूर्वानुमान की बात की जाएँ तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2020 तक अमेरिका और चीन के बाद भारत यात्रियों के मामले में तीसरा सबसे बड़ा विमान बाजार के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा।