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कुलभूषण मामले में आमने सामने होंगे भारत-पाक, जाने कुलभूषण से जुड़े 10 रहस्य

कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी थे जिन्होंने 14 वर्ष पहले ही अपनी इच्छा के अनुसार सेनावृत्ति ले ली थी। पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में कैद कर रखा था और उसने अपने अदालत में कुलभूषण को फांसी की सजा सूना दी थी। 

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भारत सरकार को यह मंजूर नहीं था और भारत सरकार इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में ले गई थी। और वहां पर इस केस के अंतिम-फैंसले आने तक फांसी की रोक लगा दी थी।

इसी सिलसिले में आज कुलभूषण जाधव वाले मामले में एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में आमने सामने होंगे।

सिर्फ इस मामले में नहीं भारत और पाक और भी कई बार आईसीजे में आमने सामने हो चुके हैं। सन 1999 में पाक ने भारत पर विमान दुर्घटना का आरोप लगाते हुए मामला आईसीजे में पेश किया था। लेकिन, भारत ने उसके इस झूठे दावे का पूर्ण विरोध किया और आखिरकार फैंसला भारत के पक्ष में हुआ और सन 2000 में भारत को कोर्ट ने बरी कर दिया था। साथ में यह भी सलाह दी थी कि ऐसे छोटे केश को आपस में सुलझाना चाहिए।

कुलभूषणजाधव की जिन्दगी से जुड़े कुछ अनसुलझे किस्से

  1. इनका पूरा नाम कुलभूषण सुधीर जाधव है। कुलभूषण का जन्म 16 अप्रैल 1970 महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। इनके पिता मुंबई पुलिस के एक काबिल अफसर थे।
  2. 1987 में कुलभूषण ने डिफेन्स अकैडमी को ज्वाइन किया था और 1991 में नौसेना के इंजिनियरिंग विभाग में नियुक्ति पाई थी।
  3. पाकिस्तान ने कुलभूषण को एक जासूस बताते 22 महीने पहले कैद कर लिया था। पाकिस्तान ने कहा था कि कुलभूषणरॉ के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे और इन्हें बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था।
  4. भारत सरकार ने इस बयान में यह कहा कि इन्हें अफगानिस्तान सीमा से गिरफ्तार किया गया था जबकि ईरान के चाबहारपोर्ट में ये अपना कारोबार चला रहे थे।
  5. पाकिस्तान के मुताबिक़ कैद करते समय कुलभूषण के पास से हुसैन मुबारक पटेल नाम का पासपोर्ट जब्त किया गया था।
  6. कुलभूषण का परिवार भारत सरकार डरा उठाए गए इस कदम की सराहना करता है और इसी कारण इनका परिवार मीडिया में कोई बात करने से बचता है। क्योंकि, भारत सरकार खुद ही कुलभूषण को न्याय दिलाने में जुटी हुई है।
  7. पाक सरकार द्वारा इनके फांसी की सजा तय कर दी गई थी। पाक ने अपने कोर्ट में तरह-तरह के दावे पेश कर इनके फांसी की सजा तय कर चुका था।
  8. भारत सरकार ने इस बात का पूरा विरोध करते हुए मामले को आईसीजे तक ले गए और 18 मई के सुनवाई में इनके फांसी पर रोक लगाने में सफल रही।
  9. अभी आईसीजे में इस मामले की सुनवाई चालू है और आज इसी सिलसिले में भारत-पाक आमने साने नजर आएंगे।

नेवी के पूर्व सैनिक तुलसीरामपवार खुद को कुलभूषण का अच्छा और करीबी मित्र बताते हैं और सफ़र के दौरान उनके साथ खींची गई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है।

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