जीवन के उद्देश्य को हासिल करने और खुद को तनावमुक्त रखने का सबसे सरल और उपयोगी तरीका ही मेडिटेशन (ध्यान) है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आप किस तरह से केवल 20 मिनट मेडिटेशन करने से अपनी जिंदगी बदल सकते हैं.
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ध्यान (Meditation): अपनी अंदर की आवाज को सुनें
ध्यान खुद से बात करने का एक तरीका है. हर किसी व्यक्ति के अंदर एक शांत व्यक्ति या यूं कहें कि अंतरात्मा होती है. हमारी अंतरआत्मा हमेशा सही होती है और इसलिए ही शायद कहा जाता है कि हम ईश्वर का अंश हैं. सभी महान लोगों का कहना है कि अंतरात्मा की आवाज ईश्वर की आवाज है और इसका किसी एक धर्म से कोई संबंध नहीं है यह सबके लिए सामान्य है. केवल आपको इसे खुद के लिए ढूंढना है.
इस वजह से खुश और शांत रहने का एकमात्र तरीका यह ही है कि हम अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें क्योंकि हमारी अंतरात्मा हमेशा सही राह चुनने में मदद करती है. ध्यान एक ऐसा अभ्यास है जिसमें किसी चीज या किसी व्यक्ति की कल्पना नहीं की जाती, बल्कि इसमें मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से शांति महसूस की जाती है. इस तरह से आप अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं और आप अपने दिमाग से अपनी इच्छा अनुसार काम करवा सकते हैं.
यदि आप दिन के किसी भी समय खुद के लिए 15 मिनट निकालें और ध्यान लगाने की कोशिश करें तो इससे आपको धीरे धीर ध्यान लगाने में मदद मिलेगी. इस कार्य को करने के लिए आपको अधिक सोचने की जरूरत नहीं है. ध्यान कोई भी मनुष्य लगा सकता है.
अगर आप ध्यान करने के तरीकों के किसी भी लेख को पढ़ेंगे तो उसमें आप कहीं न कहीं ये जरूर पढ़ेंगे कि इसमें कुछ क्षण चुपचाप बैठना या विचार करना होता है. हालांकि, सही मायनों में मेडिटेशन इससे कहीं अधिक है. यह गहरी शांति की एक अनुभूति है जिसका अनुभव आप तब ही कर पाते हैं जब आपका मन शांत होता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आपको ध्यान कैसे लगाना चाहिए.
ध्यान लगाने की विधि
- आराम से बैठ या लेट जाएं. अगर आपको जरूरत महसूस हो तो आप तकिए का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- अब अपनी आंखें बंद करें. अगर आप चाहें तो आंखों को शीतलता देने वाले मास्क का भी उपयोग कर सकते हैं.
- सांस को नियंत्रित न करें और स्वभाविक तरीके से सांस लें.
- अब सांस पर अपना ध्यान केंद्रित करें और सांस को अंदर लेने और बाहर निकालने के वक्त शरीर की गतिविधियों पर ध्यान दें. इसके साथ साथ छाती, कंधों, पसलियों और पेट पर भी ध्यान दें. अब बस अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित किए बिना इसकी तीव्रता को नियंत्रित करें. अगर इस बीच आपका मन भटक जाता है तो दोबारा से शुरू करें.
- आपको इस प्रक्रिया को शुरू करने में 2 से 3 मिनट का वक्त लगेगा और इसके बाद आप इसे लंबे समय के लिए बनाए रखने की कोशिश करें.
इस बात को याद रखें कि यह ध्यान लगाने की बेहद सरल विधि है. हालांकि, इसके अलावा भी कई अन्य प्रकार की विधियां हैं जिनको करने के अलग अलग तरीके हैं.
मेडिटेशन करते वक्त इन नियमों का रखें ध्यान
- ध्यान करने के लिए एक सही समय का चुनाव करें. वैसे सुबह 4 बजे से लेकर शाम के 4 बचे तक का समय इसके लिए उत्तम होता है.
- अभ्यास के लिए किसी शांत जगह का चुनाव करें जहां आपको ध्यान से भटकाने वाला कोई न हो. आरामदायक स्थिति में बैठें क्योंकि आपके बैठने की स्थिति से भी फर्क पड़ता है. खुद शांत, आराम और स्थिर होने का अनुभव करें.
- अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधे रखें और बिलकुल सीधे बैठें और अपने कंधों और गर्दन को अधिक तान कर या ढीले छोड़ कर न बैठें.
- कोशिश करें कि अभ्यास करते वक्त पेट खाली हो. इस वजह से घर पर या ऑफिस में मेडिटेशन करने का बेहतरीन समय भोजन से पहले का होता है. क्योंकि भोजन करने के बाद मेडिटेशन करने में भी आलस आता है.
- ढीले ढाले और आरामदायक कपड़ों का चुनाव करें.
- अगर आपको ठंड लग रही हो तो पहले कुछ एक्सरसाइज कर लें. थोड़ी सी शरीर को गर्म करने वाली योगा या एक्सरसाइज से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है. इससे बेचैनी भी दूर होती है और शरीर का आलस भी भाग जाता है.
- ध्यान लगाते वक्त अपने चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कुराहट रखें. इससे आपको आराम, शांति और ध्यान लगाने में सहायता होगी.
- अभ्यास खत्म होने के बाद हमेशा अपनी आंखों को धीरे धीरे खोलें और अपने अंदर आई स्फूर्ती को महसूस करने की कोशिश करें.