देश की राजधानी दिल्ली में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजपथ पर गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। इस वर्ष देश अपना 70वां गणतंत्र दिवस मनायेगा। इस मौके पर देश प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक इंडिया गेट पर शहीदों को सलाम करते हैं। पक्ष विपक्ष के साथ आम जन भी कार्यक्रम में शामिल होकर इस दिन होने वाली परेड का लुफ्त उठाते हैं। परेड के जरिये भारत विश्व में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता है। आइये जानते हैं इस वर्ष होने वाली परेड में ऐसा क्या है जो इसे बाकी वर्षों से अलग बनाएगा।
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राष्ट्रपिता “महात्मा गाँधी” हैं इस बार झांकियों के लिए थीम-
गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली झांकियां काफी ख़ास होती हैं। उनके जरिये हमें अलग-अलग राज्यों का गौरव और विकास देखने को मिलता है। विभिन्न राज्यों की झांकियों के अलावा सांस्कृतिक, ऐतहासिक और विकास का आधार रखने वाली केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों की झांकियां भी परेड में शामिल होंगी। इस वर्ष झांकियों की थीम को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के उपर रखा गया है। झांकियों के जरिये हमें उनके जीवन और आदर्शों की एक झलक देखने को मिलेगी।
जानकारी के अनुसार महात्मा गाँधी की समाधी को सुरक्षा प्रदान करने वाले केन्द्रीय अर्ध सैनिक बल सीआईएसएफ की झांकी भी 11 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने जा रही है। झांकी के जरिये महात्मा गाँधी की समाधी की सुरक्षा में तैनात जवानों को दिखाया जाएगा।
गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की सेना नए-नए उपकरणों को परेड में शामिल करके देश की सैन्य ताकत से भी सबको रुबरू करवाएगी। इस वर्ष राजपथ पर 777 ए टू अल्ट्रा लाइट होवित्ज़र तोप, K9 वज्र टैंक, सरफेस माइन क्लीयरिंग सिस्टम और रेंज सतह से हवा में मारने वाली मिसाइल मुख्य आकर्षण होगी। इसके अलावा अर्जुन आर्म रिपेयर व्हीकल भी परेड में शामिल होगा। हालाँकि इस बार अग्नि और ब्रम्होस जैसी बड़ी मिसाइलें परेड का हिस्सा नहीं होगीं। सेना के अनुसार, उनका उद्देश्य देश की सैन्य ताकत में शामिल हुए नए उपकरणों का प्रदर्शन करना है, इसलिए इन पुराने उपकरणों को परेड में शामिल नहीं किया जाएगा। हथियारों के प्रदर्शन के पश्चात 16 मार्चिंग दस्ते जिसमें सेना, अर्ध सैनिक बल, दिल्ली पुलिस और एनसीसी के साथ अन्य दस्ते भी शामिल होंगे।
इस गणतंत्र दिवस होने वाली ख़ास चीजों में से एक यह भी है कि पहली बार इंडियन नेशनल आर्मी के चार जवान शामिल किये जायेंगे। इसके अलावा एयरफोर्स के विमान हवाई करतब दिखायेंगे और ऐसा पहली बार होगा कि एयरफोर्स के विमान “बायोफ्यूल” से उड़ाये जायेंगे।
राष्ट्रीय पुरुष्कार से सम्मानित 26 बच्चे भी खुली जीप में बैठकर झांकी का हिस्सा बनेंगे।
उत्तराखंड की यह झांकी होगी स्पेशल-
महात्मा गाँधी की जयंती के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उत्तरखंड सरकार की ओर से उनकी कौशानी यात्रा से जुड़े अनाशक्ति आश्रम को शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया था जिसे स्वीकार करते हुए झांकी निकालने की अनुमति प्रदान की गयी। महात्मा गांधी ने वर्ष 1929 में इस आश्रम का भ्रमण किया था और इसी स्थान पर ‘अनासक्ति योग’ पुस्तक की समीक्षा लिखी थी। इस आश्रम का संचालन स्थानीय महिलाओं द्वारा किया जाता है।
देश की पहली महिला स्वाट कमांडो के साथ-साथ नेताजी की सेना भी पहली बार होगी परेड में शामिल-
एनएसजी से प्रशिक्षित देश की पहली महिला स्वाट कमांडो भी परेड में नज़र आएंगी। इसके अलावा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की “इंडियन नेशनल आर्मी” के सैनिकों को पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल किया जा रहा है। 1950 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि इंडिया गेट पर परेड के दौरान लोग नेताजी के जवानों को देख पायेंगे। ऐसा रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ. जीडी बक्शी के लंबे संघर्ष के बाद संभव हो पाया है। उनके अनुसार काफी लंबे संघर्ष के बाद वह इंडियन नेशनल आर्मी के जवानों को यह सम्मान दिलाने में कायमाब हो पाए। परेड में चार जवानों को शामिल किया जायेगा जिसमें महाशय परमानंद यादव, हीरालाल और लालती राम और भागलमल शामिल हैं। श्री बक्शी ने कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी से इन्हें परेड में शामिल करने की मांग रखी थी जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया। आजादी के लिए लड़ने वाले बुजुर्ग सैनिकों का परेड में शामिल होना निश्चित तौर पर राष्ट्र के लिए गौरव की बात है।
यही नहीं, असम की राइफल की महिला विंग भी पहली बार राजपथ की परेड में शामिल होगी। भिवानी जिले के इन्दीवाली गाँव से ताल्लुक रखने वालीं मेजर खुशबू कंवर 147 महिला सैनिकों के दस्ते का नेतृत्व करके अपने नेतृत्व की क्षमता का प्रदर्शन करेगीं।
यह होंगे इस बार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल-
90 मिनट तक होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार रामाफोसा के साथ उनकी पत्नी डॉ. शेपो मोसेपे भी परेड में शामिल होंगी। इसके अलावा नौ मंत्रियों सहित उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, वरिष्ठ अधिकारी और 50 अन्य सदस्यों का व्यवसायिक प्रतिनिधिमंडल भी हिस्सा लेगा। इसी के साथ नेल्सन मंडेला के बाद रामाफोसा दक्षिण अफ्रीका के दूसरे ऐसे राष्ट्रपति बन जायेंगे जो गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे।
सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम-
इस बार गणतंत्र दिवस पर ऐसा पहली बार होगा कि परेड अमर जवान ज्योति से होते हुए नहीं निकलेगी। पहली बार परेड के रूट में परिवर्तन किया गया है। पुलिस अफसरों के मुताबिक इंडिया गेट पर नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण कार्य चल रहा है जिसके चलते परेड के रूट में फेरबदल करना पड़ा।
ख़बरों के अनुसार दिल्ली और उत्तरप्रदेश से पकड़े गये संदिग्ध आतंकियों के चलते सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस के करीब 25 हज़ार जवान सुरक्षा की कमान संभालेंगे। इंडिया गेट के 3 किलोमीटर के दायरे में विशेष गश्त तैनात होगी। इसके अलावा करीब 10000 सीसीटीवी कैमरों की मदद से कार्यक्रम स्थल पर नज़र रखी जायेगी। नार्थ और सेंट्रल में सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए करीब 4000 रूप टॉप चिन्हित किये गये हैं। समारोह में शामिल होने वाले लोगों को “स्पेशल चेक्ड स्टीकर” भी दिए जायेंगे।
इसके अलावा परेड रूट पर 30 विशेष सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जायेंगे जो संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करके सुरक्षाकर्मियों को आगाह कर सकेंगे।
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