नई दिल्ली: समाज में समलैंगिक रिश्तों को आज भी आसानी से स्वीकार्यता नहीं मिल पाती लेकिन देश में अब तक अपराध की श्रेणी में गिने जाने वाले इस रिश्ते को अब अपराध नहीं समझा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद अब भारत में समलैंगिकता अपराध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 377 को अवैध करार दिया है. जिसके बाद से ही देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई और इसका असर बॉलीवुड पर भी नजर आया.
बॉलीवुड सितारों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सराहते हुए ट्विटर पर अपनी खुशी जाहिर की और कई सितारों ने कोर्ट के फैसले पर अपनी अपनी राय भी रखी. अपनी कई फिल्मों में समलैंगिकता को प्रमुखता से दिखाने वाले डायरेक्टर और फिल्ममेकर करण जौहर ने ट्वीट करते हुए इसे एतिहासिक फैसला कहा. उन्होंने लिखा, 'एतिहासिक फैसला!!! आज बहुत गर्व हो रहा है. समलैंगिक को अपराध की श्रेणी से हटाना. समान अधिकारों और मानवता के लिए यह एक बड़ा सकारात्मक फैसला है. देश को एक बार फिर अपनी ऑक्सीजन वापस मिल गई है'.
वहीं बॉलीवुड एक्टर आयुषमान खुराना ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आज की सूरज की किरण एक प्रगतिशील भारत में उजाला कर रही है'.
RIP #Section377
— Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) September 6, 2018
The new sunshine of this day is that of a progressive India. Love all!
स्वरा भास्कर ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'सभी याचिकाकर्ता और कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं. सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को अवैध बताया. आप लोगों की मदद से ही भारत धारा 377 से मुक्त हो पाया है'.
Congratulations to all the activists and petitioners on #SupremeCourt judgement scrapping #Section377 Your perseverance just made #India a freer place for everyone ! #LoveIsLove #Pride #377Verdict #377Scrapped Three cheers for the #SupremeCourt pic.twitter.com/grA64TTB3w
— Swara Bhasker (@ReallySwara) September 6, 2018
एक्ट्रेस प्रिति जिंटा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अगर आपके पास दिल है तो आप किसी से भी प्यार करने के लिए आजाद हो. मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सुन कर काफी खुश हूं'. धारा 377 को अवैध घोषित कर दिया गया है.
“If you have a heart you should be free to love who you want.” 😍❤️😍So Happy to hear that the Supreme Court of India 🇮🇳 has abolished #section377 decriminalising Homosexuality 👍 #equality #lgbtrights #nodiscrimination #ting pic.twitter.com/47yEBdkul7
— Preity G Zinta (@realpreityzinta) September 6, 2018
कृति सेनन ने लिखा, 'मुझे भारतीय होने पर गर्व है. उठते ही इस खबर को सुनना खुशी भरा था. प्यार करने के कोई नियम नहीं है. मैं खुश हूं कि हमने आजादी की ओर बढ़ते हुए यह कदम उठाया'.
Proud to be an Indian today! What a news to wake up to! Love has no rules or conditions.. and thats how it should be! ❤️🌈 so happy that we’ve taken a much needed step towards freedom.. freedom to be who you wanna be and With who you wanna be!🌈🌈 #RIPSection377
— Kriti Sanon (@kritisanon) September 6, 2018
सोनम कपूर ने फैसले पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा, 'यह वो भारत है जिसमें मैं जीना चाहती हूं. यह नफरत, कट्टरता, लिंगवाद और असहिष्णुता से भरा नहीं है. यह वो भारत है जिसे मैं प्यार करती हूं'.
This is the india I want to live in. Not one filled with hate, bigotry,sexism homophobia and intolerance. THIS is the India I love. 🇮🇳 🌈
— Sonam K Ahuja (@sonamakapoor) September 6, 2018
वहीं रितेश देशमुख ने लिखा, 'सबको न्याय, आजादी... आजादी कुछ भी चुनने की... आजादी कुछ भी होने की... यह मेरा देश है... यह मेरा भारत है... यह एक एतिहासिक पल है'.
Justice for all, freedom for all, freedom to choose, freedom to be.... this is the my country , this is our country.. this is India ....
— Riteish Deshmukh (@Riteishd) September 6, 2018
It’s a historical moment...
🌈 #Section377
शिल्पा शेट्टी ने ट्वीट करते हुए लिखा, यह हर इंसान का हक है कि वह खुद चुने कि उसे किसके साथ रहना है.
It is every human beings inalienable right to live with choosing how he /she wants to.. with dignity and no prejudice. Really happy with this progressive judgement that will be life altering for so many. #Historicjudgement #Section377 pic.twitter.com/m8TRL22d43
— SHILPA SHETTY KUNDRA (@TheShilpaShetty) September 6, 2018
जुलाई में हुई थी सुनवाई
गौरतलब है कि, इस साल जुलाई में धारा 377 पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. आईपीसी की धारा 377 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर महज 4 दिन ही सुनवाई चली थी. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई कानून मौलिक अधिकारों का हनन करता है तो कोर्ट इस बात का इंतजार नहीं करेगा कि सरकार उसे रद्द करे.