हरसिंगार à¤à¤• सà¥à¤—नà¥à¤§à¤¿à¤¤ और महमोहक पौधा है जिसमे रातà¥à¤°à¤¿ में फूल खिलते है तथा वातावरण को मनमोहक बनाते है । इसमें सफ़ेद रंग के फूल खिलते है जो बहà¥à¤¤ आकरà¥à¤·à¤• होते है। इसे पारिजात à¤à¥€ कहा जाता है, यह पौधा सà¥à¤‚दरता के साथ औषधीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र है, इसके फूल, पतà¥à¤¤à¥‡ व बीज सà¤à¥€ में गà¥à¤£ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ है ।
इसके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को पीस कर इसके रस का सेवन करने से पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ बà¥à¤–ार ठीक हो जाता है, वही इसके ताज़ा फूलों के रस का सेवन हृदय रोग में लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• होता है । यदि कोई घाव ठीक न हो रहा हो तो इसके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को पीसकर लेप लगाने से घाव जलà¥à¤¦à¥€ à¤à¤° जाता है ।
इसके पà¥à¤·à¥à¤ªà¥‹à¤‚ को पीस कर उसका रस बालो में लगाने से बाल लमà¥à¤¬à¥‡ व मजबूत होते है, यदि सिर में रà¥à¤¸à¥€ हो तो उससे à¤à¥€ छà¥à¤Ÿà¤•ारा मिल जाता है । यदि कोई गंजेपन की समसà¥à¤¯à¤¾ से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ हो तो इसके बीजों को पीसकर उससे सिर में लेप करे तथा आधे घंटे बाद सिर को धो ले तो जलà¥à¤¦à¥€ बाल आ जाते है ।
सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में यदि à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ इसका काà¥à¤¾ पी ले तो रोग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बॠजाती है, यदि किसी को डेंगॠके बाद शरीर में दरà¥à¤¦ की समसà¥à¤¯à¤¾ हो तो इसका काà¥à¤¾ पीने से दरà¥à¤¦ में रहत मिलती है तथा इसके फूलों व टहनियों का रस जोड़ों के दरà¥à¤¦ और सूजन में राहत देते है ।
इसके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को पीसकर लेप करने से हडà¥à¤¡à¥€ जà¥à¥œà¤¨à¥‡ में सहायता मिलती है, इसके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का रस मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के रोगियों के लिठबहà¥à¤¤ लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• होता है । इसके बीज बवासीर होने पर जलà¥à¤¦à¥€ राहत देते है, यदि किसी को सूखी खांसी हो जाये तो इसके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का रास शहद के साथ सेवन करने से आराम मिलता है ।
Comments