हम चले कà¥à¤› इस तरह , मसà¥à¤¤ मसà¥à¤¤ à¤à¥‚मते
हम बढे कà¥à¤› इस तरह, मंज़िलों को चूमने
कोई गिरा, कोई उठा
हमको थी न कà¥à¤› गिला
कोई à¤à¥à¤•ा कोई बà¥à¤¾ , हमको था ना कà¥à¤› पता
हम तो बस चलते रहे
चलते रहे,बà¥à¤¤à¥‡ रहे
दिल का à¤à¤• खà¥à¤µà¤¾à¤¬ था ,बनेंगे हम à¤à¥€ कà¥à¤›
वरà¥à¤·à¥‹ से अरमान था, करेंगे हम à¤à¥€ कà¥à¤›
किसे पता था कà¥à¤¯à¤¾ होगा,उन अनजानी रहो में
किसने सोचा था राहों के अंधियारो क बारे में
पर अब मंज़िल पायी है,तो अधिकारों से कà¥à¤¯à¤¾ डरना
तूफ़ान बनकर के,अब इन बयारों से कà¥à¤¯à¤¾ डरना
मंज़िल पर आकर लगता है,जैसे à¤à¤• पड़ाव है
लगता मज़िल बड़ी दूर है यह तो उसकी छाà¤à¤µ है
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