आयुर्वेद में बहुत सी जड़ीबूटियाँ पाई जाती है जिसमे से अशवगंधा को बलवर्धक माना गया है, इसके पत्ते व जड़ो से अश्व के मूत्र की गंध आने के कारण इसे अशवगंधा नाम दिया गया । आयुर्वेद में सभी जड़ीबूटियों की तुलना में अशवगंधा को ताकत व् बल के लिए सबसे श्रेष्ठ औषधि माना जाता है ।
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इसका सेवन करने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है तथा यह तनाव को कम करने में भी सहायक है ।
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जिन लोगो का कद कम हो यदि वह नियमित रूप से लगभग डेड महीने तक एक चम्मच अशवगंधा चूर्ण को दूध में मिलाकर ले तो उनका कद लम्बा हो जाता है ।
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अशवगंधा पुरुषो में प्रजनन शक्ति को बढ़ाता है, जिन लोगो को संतान सुख न मिल रहा हो यदि वह इसका सेवन करे तो उससे बल व वीर्य बढ़ने के साथ - साथ संतान होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है ।
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यह हमारे शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करता है और ये ख़राब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है ।
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यह हमे स्वाभविक नींद देता है इसलिए जिन लोगो को अनिंद्रा की समस्या है उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए ।
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यह हमारे हृदय को स्वास्थ रखता है तथा हमारी रोग प्रतिशोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिन लोगो को थाइरोइड की समस्या हो इसके उपयोग से उन्हें लाभ होगा । यह कैंसर, बालों की समस्या, त्वचा के रोग, खांसी, खुजली तथा कफ विकारों में लाभ देती है ।
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इसके उपयोग से शरीर की इम्युनिटी स्ट्रांग होती है तथा शरीर सवस्थ रहता है ।
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